नोटबंदी के मुद्दे पर लोकसभा में एक ऐसे नियम के तहत चर्चा हो सकती है जिसमें मत विभाजन का प्रावधान नहीं है। अध्यक्ष ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।वाम दलों के एक सांसद समेत कम से कम 20 सांसदों ने नोटबंदी के मुद्दे पर नियम 193 के तहत सदन में चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया था।
इनमें से अधिकतर सांसद सत्तारूढ़ राजग के हैं जबकि कुछ बीजद और एक आरएसपी से है। लेकिन आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने शीतकालीन सत्र शुरू होने से पूर्व नियम 193 के तहत ही चर्चा की मांग की थी।उन्होंने कहा अब मैं इसे नियम 56 (कार्य स्थगन प्रस्ताव) या नियम 184 के तहत चाहता हूं और दोनों में ही मत विभाजन का प्रावधान है।
नियम 193 के तहत प्रस्ताव देने वाले अन्य सांसदों में तेदेपा और शिवसेना के सांसद हैं। दोनों दल भाजपा की अगुवाई वाले राजग का हिस्सा हैं।मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा की कार्यवाही 17 नवंबर से ही लगातार बाधित हो रही है।