राजस्थान में पाकिस्तान से सटे बॉर्डर पर इंडियन आर्मी की अब तक की सबसे बड़ी एक्सरसाइज हो रही है। जैसलमेर और बाड़मेर के 400 स्क्वेयर किलोमीटर एरिया में हो रही इस एक्सरसाइज के लिए पहली बार 50 हजार से ज्यादा आर्मीमैन जुटे हैं। इनमें कई अफसर भी शामिल हैं। इस ड्रिल को ‘बाज गति’ नाम दिया गया है।इससे पहले इंडियन आर्मी की किसी भी एक्सरसाइज में 30 हजार से ज्यादा सैनिकों ने हिस्सा नहीं लिया।
पाकिस्तान और चीन 2011 से अब तक बीते चार साल में चार बार बड़ी एक्सरसाइज कर चुके हैं। ये सभी एक्सरसाइज चीन या पाकिस्तान से सटे बॉर्डर पर हुई हैं।पाक-चीन के बीच पाकिस्तान के पंजाब में 2014 में हुई पीस एंजल एक्सरसाइज में करीब 40 हजार सैनिकों ने हिस्सा लिया था।इसके बाद भारत ने भी पाक बॉर्डर के पास यह एक्सरसाइज प्लान किया।भारत की तैयारियों से डरे पाकिस्तान ने प्रोटोकॉल के तहत दी गई इन्फॉर्मेशन से भी आगे जाकर भारत से कुछ दिनों पहले डिटेल्स मांगे थे।
पहली बार 50 हजार से ज्यादा सैनिक जैसलमेर और बाड़मेर में जुटे हैं।पहली बार किसी एक्सरसाइज में आर्मी जमीन से जमीन पर वार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों का भी ट्रायल कर रही है।एक्सरसाइज में भोपाल स्थित 21 स्ट्राइक कोर और जोधपुर की 12 कोर के सैनिक शामिल हैं।एक्सरसाइज गुपचुप तरीके से 16 सितंबर को शुरू हुई थी। यह दिसंबर तक चलेगी।दिसंबर के पहले हफ्ते में आर्मी का बड़ा प्रदर्शन होगा। इसमें आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग के आने की संभावना है।
इस ड्रिल में भोपाल की सुदर्शन चक्र कोर दुश्मन के घर में घुसकर उसे हराने की प्रैक्टिस कर रही है।वहीं, जोधपुर डेजर्ट के जांबाज सुरक्षा तैयारियों को परख रहे हैं।पूरी एक्सरसाइज नेटवर्क सेंट्रिक (एकीकृत युद्धक प्रणाली) है। इसे मोबाइल और जमीनी वार रूम से ऑपरेट किया जा रहा है।आर्मी के सैटेलाइट, रियल टाइम इंटेलिजेंसी, ग्राउंड बेस्ड सेंसर, रडार और ड्रोन का इस्तेमाल कर दुश्मन के डमी ठिकानों पर हमला किया जा रहा है।
झांसी से हैदाराबाद तक फैली सेना की इन्फैन्ट्री, आर्मर्ड तथा ऑर्टिलरी यूनिट्स इसमें हिस्सा ले रही हैं।पहली बार मिसाइल यूनिट शामिल है। पाकिस्तानी न्यूक्लियर मिसाइल नासर का जवाब देने की भी तैयारी हो रही है।टी-90 भीष्म, टी-72 जैसे टैंक और बोफोर्स तोपें भी भेजी गई हैं।जमीन पर उतरने के बाद कम से कम वक्त में तेज रिस्पॉन्स के लिए एयरफोर्स और नेवी के जवानों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
39 हजार अफसरों और 11.3 लाख जवानों के साथ इंडियन आर्मी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है।आर्मी के पास 14 कोर हैं। इनमें मथुरा, अंबाला और भोपाल में स्ट्राइक कोर है। 2001 में ऑपरेशन ‘पराक्रम’ के दौरान आर्मी के ‘स्लो मोबलाइजेशन’ की वजह से दो बड़े बदलाव किए गए।‘कोल्ड डॉक्ट्रिन’ थ्योरी पर विचार हुआ, ताकि हमले का जवाब देने के लिए ट्रूप्स तेजी से बढ़ सकें।2005 में जयपुर में छठी ऑपरेशनल कमांड बनाई गई, ताकि वेस्टर्न बॉर्डर पर दुश्मन को हमले के हालात में करारा जवाब दिया जा सके।