योगी सरकार ने अब तक 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि जनता थाने में बिना किसी डर के अपनी बात कह पाए और फरियादी को पुलिस की ओर से पूरा सम्मान मिले. साथ ही प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए नई सरकार एक्शन में आई और अब तक 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी गाजियाबाद, मेरठ और नोएडा में सस्पेंड किए गए. लखनऊ में सात इंस्पेक्टर सस्पेंड किए गए.

यूपी पुलिस के पीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए. उनमें ज्यादातर कॉन्सटेबल हैं. डीजीपी जावेद अहमद के निर्देश पर इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया गया.सीएम चाहते हैं जनता थाने में बिना किसी डर के अपनी बात कह पाये और फरियादी को पुलिस की ओर से पूरा सम्मान मिले. पीडित की तत्काल एफआईआर हो और थाना प्रभारी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे.

योगी ने अपनी ये मंशा गुरुवार को राजधानी की हजरतगंज कोतवाली के औचक निरीक्षण के दौरान व्यक्त की. पुलिसकर्मियों को व्यवहार में परिवर्तन लाने का निर्देश देते हुए कहा कि थाने पर फरियाद लेकर आने वाले शिकायतकर्ताओं को पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए. आवश्यकतानुसार शिकायतकर्ताओं को कागज एवं कलम भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति की तत्काल एफआईआर दर्ज कर थाना प्रभारी द्वारा वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए लेकिन यदि जांच के दौरान पता चले कि एफआईआर विद्वेष की भावना से गलत दर्ज कराई गई है तो शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए.’ योगी ने कहा कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास एवं इसके प्रति लोगों की धारणा में सुधार के लिए राज्य की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाया जाएगा.

इसके लिए पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पूरी गम्भीरता एवं संवेदनशीलता से काम करना होगा. जहां राज्य सरकार को पुलिस कार्मिकों से गम्भीरता पूर्वक अपने दायित्वों के निर्वहन की अपेक्षा है, वहीं इनके लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया जाएगा. उन्होंने कोतवाली के स्वागत कक्ष में उपस्थित लोगों से बातचीत कर उनकी कठिनाइयों को जाना एवं उनके निदान के लिए आवश्यक निर्देश दिए.

उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने की व्यवस्था एवं साइबर क्राइम सेल का भी अवलोकन किया.मुख्यमंत्री ने महिला पुलिसकर्मियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिला पुलिसकर्मियों के लिए पर्याप्त आवास की व्यवस्था की जाए. साथ ही महिला पुलिसकर्मियों तथा महिला शिकायतकर्ताओं के लिए प्रत्येक थाने में पृथक प्रसाधन की व्यवस्था की जाए. उन्होंने थानों में आने वाले लोगों के लिए बैठने एवं पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए.

साथ ही कोतवाली, थानों एवं चौकियों में पर्याप्त सफाई के साथ-साथ अभिलेखों के उचित रख-रखाव की व्यवस्था भी करने के लिए कहा.योगी ने कहा कि पुलिस विभाग को इस प्रकार का माहौल तैयार करना चाहिए कि पुलिस दफ्तरों में लोग भय रहित होकर अपनी बात कह सकें. उन्होंने कहा कि समय-समय पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पुलिस कार्मिकों की बैरकों का निरीक्षण कर वहां उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं एवं साफ-सफाई का अवलोकन करें.

उन्होंने प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने का निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान जरूरतों को देखते हुए साइबर क्राइम रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए. उन्होंने क्राइम ब्रांच तथा पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) के कार्यालय, लॉक रूम सहित परिसर में स्थापित विभिन्न अनुभागों का भी निरीक्षण किया.

योगी ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि निरीक्षण एक शुरुआत है, जिसके फलस्वरूप पुलिस विभाग में निश्चित रूप से बदलाव दिखेगा. हजरतगंज कोतवाली होने के साथ-साथ इसके परिसर में पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, महिला थाना तथा साइबर क्राइम सेल भी स्थापित है इसलिए इसके निरीक्षण का निर्णय लिया गया.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के सभी नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है. निरीक्षण के दौरान योगी के साथ पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद, पुलिस महानिरीक्षक (लखनऊ जोन) सतीश गणेश, पुलिस उप महानिरीक्षक प्रवीण कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

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