ओ पन्नीरसेल्वम ने अपना इस्तीफा वापस लेने का ऐलान किया

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके ओ पन्नीरसेल्वम ने अपना इस्तीफा वापस लेने का ऐलान किया है. साथ ही कहा कि वह विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे.उन्होंने अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि पार्टी नेतृत्व के खिलाफ उनकी (पनीरसेल्वम की) बगावत के पीछे द्रमुक का हाथ है.

पन्नीरसेल्वम के घर पर समर्थकों का भारी जमावड़ा है. उनके समर्थक खुल कर सामने आ गए हैं और उनके पक्ष में नारे लगा रहे हैं. इस दौरान पन्नीरसेल्वम ने अपना इस्तीफा वापस लेने का ऐलान करने के साथ ही कहा कि वह अम्मा (जयललिता) के दिखाए रास्ते पर चलते रहेंगे.उन्होंने कहा कि शशिकला के पास उन्हें कोषाध्यक्ष पद से हटाने का कोई अधिकार नहीं है.

पनीरसेल्वम ने मंगलवार रात की अचानक बगावत के बाद तमिल टीवी चैनलों से कहा उनसे उनके इस आरोप का आधार पूछा जाना चाहिए. मेरा संबंध द्रमुक के साथ कभी मैत्रीपूर्ण नहीं रहा. इतिहास देखा जाए तो यह बात स्पष्ट हो जाएगी.इस राजनीतिक घटनाक्रम के सामने आने के बाद से पनीरसेल्वम के ग्रीनवेज़ रोड स्थित आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दर्जनों समर्थकों ने इलाके में जुटना शुरू कर दिया है.

इस बीच, अन्नाद्रमुक के विधायक पनीरसेल्वम की बगावत के बाद पैदा हुई स्थिति पर चर्चा करने के लिए पार्टी मुख्यालय पर बैठक कर रहे हैं.पनीरसेल्वम ने कहा मेरे और द्रमुक के बीच कोई रिश्ता नहीं है. यह इंसानी आदत है कि यदि कोई आपको देखकर मुस्कुराए तो आप भी मुस्कुरा देते हैं. जानवरों और इंसानों में यही अंतर है.

वह दरअसल शशिकला के मंगलवार रात के बयान के संदर्भ में बात कर रहे थे. शशिकला ने हालिया सत्र में पनीरसेल्वम और विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन के बीच मुस्कुराहटों के आदान-प्रदान की ओर इशारा किया था.इससे पहले पन्नीरसेल्वम को शशिकला के खिलाफ बगावत का खामियाजा भुगतना पड़ा है. शशिकला ने पन्नीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया है और उनकी जगह डिंडिगल सी श्रीनिवासन को नया कोषाध्यक्ष नियुक्त किया है. 

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के पोएस गार्डेन आवास पर मंत्रियों और पार्टी के विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक में पन्नीरसेल्वम पर कार्रवाई का फैसला किया गया.मरीना बीच पर जब पन्नीरसेल्व ने शशिकला के खिलाफ बयान दिया तो मंत्री और विधायक पोएस गार्डेन की ओर चल पड़े. बैठक के बाद रात करीब 1 बजे शशिकला बाहर आईं और घर के बाहर जमा समर्थकों का अभिवादन किया.

उन्होंने कहा कि पन्नीरसेल्वम के पीछे डीएमके का हाथ है. सभी विधायकों का यही खयाल है कि पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निकाला जाए. उन्होंने कहा पार्टी के सभी विधायक परिवार की तरह एकजुट हैं.उधर, अन्नाद्रमुक नेता और लोकसभा डिप्टी स्पीकर एम थम्बीदुरई ने पन्नीरसेलवम के इस दावे को खारिज किया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया.

उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख शशिकला मुख्यमंत्री होंगी क्योंकि सभी विधायक उनके (चिनम्मा के) साथ हैं.अन्नाद्रमुक नेता ने कहा कि सभी विधायक एकजुट हैं.उल्लेखनीय है कि अन्नाद्रमुक में मंगलवार रात शशिकला के खिलाफ बगावत फूट पड़ी, जब मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उन्हें रविवार को इस्तीफे के लिए मजबूर होना पड़ा ताकि शशिकला के इस पद पर काबिज होने का रास्ता साफ हो सके.

पन्नीरसेल्वम ने संकेत दिये कि अगर तमिलनाडु की जनता और पार्टी कार्यकर्ता चाहेंगे तो वह अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं.आमतौर पर शांत रहने वाले और जयललिता के भरोसेमंद रहे पन्नीरसेल्वम ने पांच दिसंबर को जयललिता के निधन के बाद पार्टी की घटनाओं पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वरिष्ठ मंत्रियों और नेताओं द्वारा उनका ‘अपमान’ किया गया और इन लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के बाद उन्हें ‘कमतर’ करने का प्रयास किया.

यह घटनाक्रम ऐसे दिन हुआ है जब वरिष्ठ अन्नाद्रमुक नेता और राज्य विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पीएच पांडियान ने शशिकला के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका. पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार को जयललिता की ‘समाधि’ का अप्रत्याशित दौरा किया और करीब 40 मिनट ध्यान किया जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा हो गई.

बाद में पत्रकारों से बाद करते हुए उन्होंने पूरी कहानी बताई कि किस तरह शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उन्हें मजबूर करने का प्रयास किया गया.पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जयललिता के निधन के बाद उनका मुख्य काम पार्टी और सरकार की छवि की रक्षा करना था जैसा कि दिवंगत मुख्यमंत्री छोड़कर गई थीं, लेकिन उनके प्रयासों को ‘ध्वस्त’ करने की कोशिश की गई.

उन्होंने कहा कि बीते रविवार को उन्हें जयललिता के निवास पोइस गार्डन बुलाया गया जहां शशिकला रह रही हैं. आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक, मंत्री और उनके परिजन मौजूद थे.उन्होंने कहा मुझे बैठक के लिए बुलाया गया जिसके विषय के बारे में मुझे पता नहीं था. मैं चिनम्मा (शशिकला) के पास गया और उन लोगों ने मुझसे इस्तीफे के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि मुझे शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस्तीफा देना चाहिए. मैंने उनसे पूछा कि विधायकों की बैठक की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव और मुख्यमंत्री पद एक व्यक्ति के पास होने चाहिए.पन्नीरसेल्वम ने कहा दो घंटे के लिए उन्होंने मुझे समझाया. लेकिन मैंने उनसे पूछा कि क्या मुझसे इस्तीफे के लिए कहना सही है क्योंकि अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता के रूप में मुझे चुना गया जबकि मैं पहली बार में ऐसा नहीं चाहता था.

फिर भी मैंने सब अपमान सहा ताकि पार्टी का अनुशासन बना रहे.उन्होंने कहा कि वह अपने मन की बातों को बाहर निकालने के लिए जयललिता की समाधि पर गये थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई.उन्होंने कहा उस समय उन्होंने मुझे मजबूर किया और कहा कि आपको पार्टी का अनुशासन मानना चाहिए. मैंने इस्तीफा दे दिया क्योंकि मुझे मजबूर किया गया.

पन्नीरसेल्वम ने कहा मैं ऐसा मुख्यमंत्री चाहता हूं जो राज्य की जनता और राज्य का संरक्षण करे, चाहे यह ओपीएस (ओ पन्नीरसेल्वम) नहीं भी हो. लेकिन उसे उस सरकार की छवि की रक्षा करनी होगी जो जया ने हमें दी. मैं अंत तक इसकी लड़ाई लड़ूंगा चाहे मैं अकेला ही क्यों नहीं हूं.यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं, उन्होंने कहा हां अगर राज्य की जनता और पार्टी कार्यकर्ता ऐसा चाहें तो, मैं यह करूंगा.

अपोलो अस्पताल में जयललिता के अंतिम दिनों के समय से घटनाओं के बारे में बताते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री की आत्मा ने मुझे कुछ कहने के लिए कहा इसलिए वह खुद को पत्रकारों के सामने रख रहे हैं.उन्होंने कहा कि जयललिता के अपोलो अस्पताल में करीब 70 दिन गुजारने के बाद शशिकला ने उनसे इस बात पर चर्चा की कि अगर जयललिता के साथ कुछ अप्रिय होता है तो पार्टी और सरकार कैसे चलाई जाए.

उन्होंने कहा कि वह दुखी हुए और उन्होंने पूछा कि इन विषयों पर चर्चा की क्या जरूरत है.इससे पहले मंगलवार को, शशिकला के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर अनिश्चितता रही क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव ने चेन्नई आने की अपनी योजना टाल दी. इस बीच अन्नाद्रमुक और बागी नेताओं के बीच जे जयललिता की मृत्यु को लेकर आरोप प्रत्यारोप तेज हो गया.

राज्यपाल विद्यासागर राव की योजना को लेकर अनिश्चितता के मद्देनजर अन्नाद्रमुक ने इस बात पर जोर दिया कि शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है और इसे रोकने का कोई आधार नहीं है.मुम्बई में राजभवन सूत्रों ने बताया कि राव मुम्बई में हैं और फिलहाल चेन्नई जाने की उनकी कोई योजना नहीं है. सूत्रों ने यह संकेत दिया कि वह बुधवार को कोई निर्णय कर सकते हैं. राव महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और वह तमिलनाडु का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं.

शशिकला एवं अन्य के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा अगले सप्ताह फैसला देने की उम्मीद के बीच राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है क्योंकि विपक्षी दलों ने शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के कदम पर निशाना साधा. वहीं अन्नाद्रमुक ने शशिकला का मजबूती से बचाव किया.

पूर्व विधानसभाध्यक्ष पी. एच. पांडियन और उनके पुत्र एवं अन्नाद्रमुक पदाधिकारी मनोज ने जे. जयललिता की मृत्यु पर आज संदेह व्यक्त किया और आरोप लगाया कि उनके पोयेस गार्डन आवास पर एक झगड़ा हुआ था जिस दौरान उन्हें ‘नीचे धक्का दे दिया गया’ और वह बेहोश हो गईं.इसके बाद उन्हें 22 सितम्बर को अस्पताल में भर्ती कराया गया. पांडियन ने इसके साथ ही जयललिता की निकट सहयोगी वी. के. शशिकला को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनाये जाने का भी कड़ा विरोध किया.

रामचंद्रन ने इस बात पर जोर दिया कि शशिकला को पद सौंपा जाना पार्टी नियमों के अनुरूप है और यह वैध है. उन्होंने कहा महासचिव प्रभारी की नियुक्ति हो सकती है.अन्नाद्रमुक ने अपने दो शीर्ष नेताओं पी रामचंद्रन और के ए सेनगोतैयां को लगाया जिन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन किया जिसमें उन्होंने पांडियन के आरोपों को खारिज किया और उन्हें एक ‘विश्वासघाती’ बताया जो ‘भ्रम’ उत्पन्न कर रहे हैं.

एमजीआर कैबिनेट में मंत्री रहे रामचंद्रन ने कहा कला को शपथ दिलाना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है. इसे रोकने का कोई आधार नहीं है. कोई भी इसे रोक नहीं सकता.शशिकला के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने का विरोध करते हुए दायर जनहित याचिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अदालत उस याचिका को खारिज कर सकती है, वह राज्यपाल के कर्तव्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकती.

अन्नाद्रमुक मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन जयललिता की मृत्यु को लेकर अफवाहों एवं अटकलों को खारिज करने के लिए बुलाया गया था, विशेष तौर पर पांडियन के संवाददाताओं को संबोधित करने के मद्देनजर.शशिकला न तो पार्टी प्रमुख बनने लायक हैं और न ही मुख्यमंत्री.पांडियन ने दावा किया कि शशिकला का उन्नयन पार्टी नियमों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी प्रमुख या मुख्यमंत्री बनने का कोई आधार नहीं है.

शशिकला को अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुने जाने और उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होने के दो दिन बाद पांडियन ने कहा शशिकला न तो पार्टी प्रमुख बनने लायक हैं और न ही मुख्यमंत्री.उन्होंने दावा किया कि जयललिता के निधन के 20 दिन के भीतर पार्टी के नेताओं से ‘कहलवाया गया’ कि वे चाहते हैं कि शशिकला पार्टी प्रमुख बनें.उन्होंने शशिकला को अन्नाद्रमुक प्रमुख बनाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह पार्टी नियमों के खिलाफ है.केवल पार्टी काडर ही महासचिव चुन सकते हैं.

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