चुनाव आयोग के अधिकारियों पर पश्चिम बंगाल में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ ज्यादतियां करने का आरोप लगाते हुए पार्टी नेतृत्व चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के विकल्प तलाश रहा है। एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘चुनाव आयोग का एक हिस्सा और उसके कुछ अधिकारी, खास कर केन्द्रीय बलों का नियंत्रण करने वाले अधिकारियों ने चुनाव के दौरान तबाही मचाई।
उनकी वजह से ही हम कोलकाता और निकट के इलाकों में पांच से छह प्रतिशत कम वोट पाए।’ तृणमूल नेता ने कहा, ‘केन्द्रीय बलों के प्रभारी अधिकारियों ने बिल्कुल अलग कमान सृजित की थी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। हम चुनाव के दौरान अपने उपर हुई ज्यादतियों के खिलाफ इंसाफ पाने के लिए वृहद मंच पर जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमारे खिलाफ दादागिरी वाली कार्रवाई की है।
30 अप्रैल के चुनाव के महज एक दिन पहले केन्द्रीय बलों ने मतदाताओं को धमकाया और उनसे कहा कि वे अगले दिन मतदान के लिए नहीं आएं।’ उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनावों के दौरान तृणमूल ने बार बार चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि वह विपक्षी पार्टियों के हाथों में खेल रहा है।
तृणमूल नेता ने कहा, ‘यह साबित हो चुका है कि चुनाव आयोग के समक्ष दर्ज कराई गईं विपक्षी पार्टियों की ज्यादातर शिकायतें फर्जी थीं। तो क्या फर्जी शिकायतें दर्ज कराने पर कोई कार्रवाई होगी?’ तृणमूल ने विधानसभा चुनाव के दौरान केन्द्रीय बलों के प्रभारी रहे दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर विपक्षी पार्टियों के लिए काम करने का पिछले हफ्ते आरोप लगाया था।