यूपी के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है. यह फैसला उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की तरफ से लिया है. बोर्ड द्वारा 2017 में राष्ट्रगान के गायन और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के अनिवार्य किए जाने के लगभग पांच साल बाद यह फैसला लिया गया है.
ऐसे में अब कक्षाएं शुरू होने से पहले मदरसों में राष्ट्रगान होगा.बोर्ड ने चेयरपर्सन इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में परीक्षा, उपस्थिति और शिक्षकों की भर्ती से जुड़े कई फैसले लिए. बैठक के दौरान यह निर्णय भी लिया गया कि मदरसा शिक्षक बनने के लिए पूर्व योग्यता के रूप में शिक्षक पात्रता परीक्षा आधारित मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा शुरू की जानी चाहिए.
मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने कहा भाई-भतीजावद शिक्षक भर्ती में बहुत ज्यादा है. यही कारण है कि बोर्ड ने एमटीईटी अनिवार्य करने का फैसला किया है. हालांकि चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप प्रबंधन द्वारा ही दिया जाएगा. इस नियम को जल्द से जल्द लागू किया जा सके, इसको लेकर एक औपचारिक प्रस्ताव जल्द ही सरकार को भेजा जाएगा.
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा राष्ट्रगान विभिन्न स्कूलों में गाया जाता है. ऐसे में हम मदरसा के छात्रों में भी देशभक्ति की भावना पैदा करना चाहते हैं, ताकि वे धार्मिक अध्ययन के अलावा हमारे इतिहास और संस्कृति को जान सकें. कुछ मदरसों में यह पहले से ही गाया जाता है. इसलिए हमने आने वाले अकादमिक से इसे अनिवार्य कर दिया है.
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड यह पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण करेगा कि मदरसा शिक्षकों के कितने बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, ताकि छात्र संख्या में गिरावट को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने कहा कि छात्रों की उपस्थिति और सत्यापन को भी आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा.शिक्षक और बच्चों के अनुपात को मदरसा में कम किया जा सके, इसको लेकर भी काम किया जा रहा है.
साथ ही हम यह भी पता लगाने कि कोशिश करेंगे कि हमारे शिक्षकों के बच्चे कहां पढ़ते हैं. क्योंकि अक्सर यह सुनने में आता है कि शिक्षक अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाते हैं, जबकि दूसरों के बच्चों को मदरसा में पढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं.वहीं शिक्षक उपस्थित रहे और टाइम से आएं, इसलिए अगले शैक्षणिक सत्र से शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति रखी जाएगी.बोर्ड अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस बार मदरसा बोर्ड परीक्षा 14 मई से 27 मई तक होगी.