नोबेल शांति पुरस्कार एटमी हथियार खत्म करने के इंटरनेशनल कैम्पेन ICAN को मिला है। ICAN अभियान को 2007 में लॉन्च किया गया। इसका मकसद न्यूक्लियर वेपंस पर रोक लगाने की ट्रीटी को पूरी तरह से लागू करवाना है। आज 101 देशों में ICAN के 468 पार्टनर ऑर्गनाइजेशंस हैं।
नोबल पीस प्राइज पाने वाले डेसमंड टूटू, दलाई लामा और जोडी विलियम्स ICAN को सपोर्ट करते हैं। इनके अलावा म्यूजिशियन हर्बी हेनकॉक, ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर इयान चैपल, हॉलीवुड एक्टर मार्टिन शीन और माइकल डगलस भी कैम्पेन के सपोर्टर्स हैं। जापान की सिंगर, राइटर और पीस एक्टिविस्ट योको ऊनो भी इसकी समर्थक हैं।
2012 में यूनाइटेड नेशंस के जनरल सेक्रेटरी बान की मून ने ICAN की क्रिएटिविटी और लगन के साथ अभियान चलाने के लिए तारीफ की थी। बान की मून ने इससे पहले ICAN को अभियान के लिए एक वीडियो मैसेज भी दिया था।नोबेल शांति पुरस्कार 1901 से 2017 तक 98 बार 131 विजेताओं को दिया गया। इनमें 104 लोगों और 27 ऑर्गनाइजेशंस को ये पुरस्कार मिला।
रेड क्रॉस को सबसे ज्यादा 3 बार (1917, 1944 और 1963) ये प्राइज दिया गया। इसके बाद दो बार (1954 और 1981) में यूनाइटेड नेशंस हाई कमीश्नर फॉर रिफ्यूजी को दिया गया।2016 में नोबेल शांति पुरस्कार कोलंबिया के प्रेसिडेंट जुआन मैनुअल सैंतोस को दिया गया था। सैंतोस ने 50 साल से चली आ रही कोलंबिया की सिविल वार को खत्म करने में अहम रोल निभाया था।
ब्रिटेन के लेखक काजुओ इगुरो को साल 2017 का लिटरेचर का नोबेल प्राइज दिया गया है। गुरुवार को इसका एलान किया गया।2017 का नोबेल प्राइज बायोकैमिस्ट्री में क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी डेवलप करने के लिए स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिक जैक डुबोशे, जर्मनी के जोआकिम फ्रैंक और स्कॉटलैंड के रिचर्ड हैंडरसन को दिया जाएगा।
फिजिक्स के लिए 2017 का नोबेल प्राइज ग्रेविटेशनल वेव्स से जुड़े काम के लिए जर्मनी और अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों को दिया जाएगा। इनके नाम रायनर वीस, बैरी सी बैरिश और किप एस. थॉर्न हैं। इन्होंने लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव आबजर्विटी (LEGO) के क्षेत्र में काम किया है।इन्हें इनाम के तौर पर 90 लाख स्वीडिश क्रोन (करीब 7.25 करोड़ रुपए) दिए जाएंगे।
इनामी रकम का आधा हिस्सा रायनर वीस को दिया जाएगा, जबकि आधे हिस्से के दो बराबर भाग बैरिश और थॉर्न के बीच बांटे जाएंगे।अमेरिका के 3 साइंटिस्ट जेफरी सी हॉल, माइकल रोसबाश और माइकल यंग को संयुक्त रूप से 2017 का मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल प्राइज दिया देने का एलान किया गया है। तीनों साइंटिस्ट को ये पुरस्कार शरीर में मौजूद बायोलॉजिकल क्लॉक (जैविक घड़ी) पर उनके काम के लिए दिया जाएगा।
अल्फ्रेड नोबेल (1833-1896) स्वीडिश साइंटिस्ट थे। उनकी सबसे प्रमुख खोज डाइनामाइट थी। इससे उन्होंने काफी पैसे कमाए। नोबेल फ्रांस में रहते थे। एक बार वहां के लोकल अखबार में नोबेल की मौत की गलत खबर छपी। दरअसल, तब नोबेल के भाई की मौत हुई थी। इस खबर में नोबेल को मौत का सौदागर बताया गया था। खबर से दुखी होकर नोबेल ने अपनी पूरी प्रॉपर्टी को दान करने का फैसला किया।