बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को बड़ी राहत देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज करते हुए एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि राज्य सरकार उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर सकती।
अधिकारी के खिलाफ उनके अंगरक्षक की मौत और मानिकतला थाने में नौकरी दिलाने के नाम पर अवैध रूप से पैसे लेने का आरोप समेत दो मामलों की जांच राज्य सरकार करवा रही है। उन्होंने इन मामलों में गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
इसी साल सितंबर में जस्टिस राजशेखर मंथर की सिंगल बेंच ने पुलिस को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था।राज्य ने विपक्ष के नेता के खिलाफ तीन अन्य मामले दर्ज किए थे, लेकिन मंथर ने अन्य सभी तीन मामलों पर भी रोक लगा दी थी और राज्य पुलिस को निर्देश दिया था कि अधिकारी के खिलाफ एक नई प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने से पहले अदालत की अनुमति ली जाए।
राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी, लेकिन न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति केसांग भूटिया की खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी।शुभेंदु के वकील बिलवदल भट्टाचार्य ने कहा हमने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया है जिसमें दावा किया गया है कि सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
इससे पहले मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजशेखर मंथर की एकल पीठ ने उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया था। हालांकि, राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील की थी। खंडपीठ ने आज निर्देश दिया कि राज्य सरकार को अपील पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा अधिकारी के खिलाफ पंसकुरा थाने में मामला है। इसके अलावा उनके खिलाफ नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर पैसे लेने का मामला है, वहीं एक अन्य मामला उनके पूर्व अंगरक्षक की रहस्यमय मौत से जुड़ा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पहले फैसला सुनाया था कि इन सभी मामलों में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, डिवीजन बेंच ने उस आदेश को बरकरार रखा है।