बिहार सरकार में एक स्वयंसेवी संस्थान सृजन महिला विकास सहयोग समिति द्वारा सरकारी खाते की राशि के फर्जीवाड़े के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का निर्णय लिया है. इस मामले में अब तक 70 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई है. राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देर शाम मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुब्हानी और पुलिस महानिदेशक पी़ क़े ठाकुर के साथ उच्चस्तरीय बैठक की.
बैठक के बाद उन्होंने अधिकारियों को गृह मंत्रालय को इस आशय का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया.फिलहाल इस फर्जीवाड़े की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. इस मामले में अब तक भागलपुर के विभिन्न थानों में नौ अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं. आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में अब तक सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, बैंक के अधिकारी और सृजन संस्था के कर्मचारी सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
हालांकि इस मामले के मुख्य कर्ताधर्ता सृजन की संस्थापिका मनोरमा देवी (दिवंगत) के पुत्र अमित कुमार और बहू प्रिया कुमार की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है.उल्लेखनीय है कि भागलपुर के सबौर स्थित स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाते थे, जिसका उपयोग संस्था चलाने वाले अपने व्यक्तिगत कार्यो में करते थे.पुलिस का दावा है कि यह गोरखधंधा वर्ष 2009 से ही चल रहा था. गौरतलब है कि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद विपक्ष पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रही थी.