संत निरंकारी मिशन के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह का कनाडा के मांट्रियल में एक सड़क हादसे में शुक्रवार को निधन हो गया. वह 62 वर्ष के थे. बाबा हरदेव सिंह के निधन की खबर आते ही उनके लाखों अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गयी. उनके निधन की खबर भारतीय जनता पार्टी के नेता शाहनाज हुसैन ने ट्वीट करके दी. उन्होंने ट्वीट किया निरंकारी बाबा हरदेव सिंह की माँट्रियल में सड़क दुर्घटना मे मौत हो गयी. उनके निधन की खबर बहुत दुखद है.
भाजपा नेता ने कहा बाबा हरदेव सिंह के निधन से देश को बड़ी क्षति पहुंची है. वह मनोयोग से लोगों की सेवा में जुटे हुए थे. मैंने भी उनके संगम को देखा है. निरंकारी संगठन के प्रवक्ता अनिल कुमार ने उनके निधन की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि भारतीय समयानुसार सुबह पांच बजे कार पलट जाने से बाबा हरदेव सिंह की मौत हो गई. उनके साथ कार में दो दामाद भी थे. इस दुर्घटना में उनके एक दामाद को गम्भीर चोटें आई हैं.
बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में हुआ था. वर्ष 1971 में वह निरंकारी सेवा दल से जुड़े थे. उन्होंने वर्ष 1980 में पिता की मौत के बाद निरंकारी मिशन के प्रमुख का पदभार संभाला था. उनकी मौत से समूचा से निरंकारी संप्रदाय सदमे में है. निरंकारी मिशन की 27 देशों में 100 से ज्यादा शाखाएं हैं जो मानव कल्याण कार्यों में सक्रिय है.
बाबा हरदेव जी की शुरुआती शिक्षा दिक्षा घर पर ही हुई थी. बाद में उन्होंने दिल्ली के संत निरंकारी कॉलोनी में रोसरी स्कूल और फिर पटियाला के एक बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई की. 1971 में उन्होंने निरंकारी सेवा दल ज्वॉइन किया और 1975 में उन्होंने फरुखाबाद की सविंदर कौर से विवाह किया. सविंदर दिल्ली में निरंकारी संत समागम की सदस्य थीं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संत निरंकरी बाबा हरदेव सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने संत निरंकारी के अनुयायियों को भेजे अपने शोक संदेश में कहा, आध्यात्मिक गुरु और निरंकारी समाज ने जो आध्यात्मिकता में समानता के जिन मूल्यों और सादगी को प्रतिपादित किया है वे हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे.