मुंबई के एंटीलिया और मनसुख हिरेन मर्डर केस में NIA अपनी चार्जशीट दायर कर चुकी है. इस चार्जशीट में सचिन वझे समेत कई लोगों की संदिग्ध भूमिका की बात कही गई है.पड़ताल के मुताबिक चार्जशीट में एंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन की हत्या में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की संदिग्ध भूमिका की ओर भी इशारा किया गया है.
हालांकि NIA ने अपनी चार्जशीट में कहीं भी परमबीर सिंह पर आरोप नही लगाए हैं. NIA के एप्पल कंपनी को लिखे लेटर और फिर एप्पल कंपनी के जवाब हाथ लगे है. ये सवाल-जवाब परमबीर सिंह पर सवाल खड़े कर रहे है. इन सबूतों से ऐसा लग रहा है कि परमबीर सिंह फेसटाइम आईडी का इस्तेमाल करके इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से बात कर रहे थे.
इसके लिए फेसटाइम आईडी का पहला नाम कुरकुरे और आखिरी नाम बालाजी था.दरसल जांच के दौरान NIA को ise997316@gmail.com नाम की गूगल आईडी का पता चला था. NIA ने परमबीर सिंह के जूनियर रहे एक पुलिस अधिकारी का बयान दर्ज किया है. उसने स्टेटमेंट दिया था जब परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस के कमिश्नर के पद से हटाकर होम गार्ड का DG बनाया गया था, तब एक दिन उन्होंने मुझे बुलाकर कहा कि उन्हें एक सेकंड हैंड आईफ़ोन चाहिए.
अधिकारी ने बयान में कहा इसके बाद मैंने सिताबे खान नाम के शख़्स को बुलाया जिसे हम पहले से जानते है. वो अपने साथ 3-4 सेकंड हैंड आईफ़ोन लेकर आया था. जब वो परमबीर सिंह के चैम्बर से बाहर निकला तो उसने मुझे बताया कि परमबीर सिंह सर को एक आईफोन पसन्द आ गया है और वो उन्होंने रख लिया है.
अधिकारी के अनुसार परमबीर सिंह सर के केबिन में नेटवर्क नही है, इसीलिये वो आईफ़ोन बाहर लेकर आया, और वो आईफ़ोन मुझे दे दिया. जब मैं उस आईफोन के आईडी बना रहा था तो मेरे सामने बालाजी कुरकुरे रखे हुए थे. इसीलिए मैंने आईडी का पहला नाम कुरकुरे और बाद का नाम बालाजी रख दिया.
NIA ने इसी ईमेल आईडी की जानकारी के लिए 15 जुलाई को एप्पल कंपनी को एक लेटर लिखा था. 20 जुलाई को इसका जवाब देते हुए एप्पल कंपनी ने ज़िप फ़ाइल में तमाम जानकरी NIA को दी थी. इस जानकरी के मुताबिक जिस ईमेल आईडी से बात की जा रही थी उसका पहला नाम कुरकुरे और आखिर नाम बालाजी है.
कंपनी का जवाब उसी जानकारी को पुख़्ता कर रहा था, जो परमबीर सिंह के जूनियर अधिकारी ने NIA को दी थी. एप्पल कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस आईडी से कई बार फेस टाइम पर बात की गई थी.इसके अलावा साइबर एक्सपर्ट ने भी बयान दिया था कि जैश उल हिंद के नाम का लोगो और धमकी भरा खत लिखवाया गया था.
इस बयान में भी परमबीर सिंह का नाम निकलकर सामने आया था.NIA को एक एसीपी रैंक के अधिकारी ने भी जो बयान दिया था. जिसके मुताबिक मनसुख हिरेन की मौत के बाद परमबीर सिंह के CP ऑफिस में एक मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग में आरोपी सचिन वझे और आरोपी प्रदीप शर्मा शामिल थे.