एनआईए ने उत्तरप्रदेश और दिल्ली में 17 जगहों पर छापे मारे। करीब पांच महीने पहले आईएसआईएस से प्रेरित होकर बने आतंकी संगठन हरकत उल हर्ब-ए-इस्लाम के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। संगठन से जुड़े 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। 16 अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
यह संगठन उत्तर भारत में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में फिदायीन हमलों की साजिश रच रहा था। दिल्ली का आरएसएस मुख्यालय, दिल्ली पुलिस मुख्यालय, कई नेता और प्रमुख हस्तियां उसके निशाने पर थीं। संदिग्धों के पास से एक रॉकेट लॉन्चर, 12 पिस्तौल और 25 किलाेग्राम विस्फोटक बरामद किया गया है।
एनआईए ने छापे की कार्रवाई दिल्ली के जाफराबाद और उस्मानपुर व उत्तर प्रदेश के लखनऊ, अमरोहा, हापुड़ और सिंभावली में की। जांच एजेंसी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सभी 10 संदिग्ध 20 से 30 साल उम्र के हैं। ये सभी मध्यमवर्गीय परिवार के हैं।
एनआईए के आईजी आलोक मित्तल के मुताबिक- मॉड्यूल का सरगना मुफ्ती सोहैल दिल्ली में रहता था। मूल रूप से वह अमरोहा का रहने वाला था और मस्जिद से गतिविधियां चलाता था।मुफ्ती दिल्ली के एक मदरसे में भी पढ़ाता रहा है।
संदिग्धों के पास से 12 पिस्टल रिकवर हुई हैं। इनके पास से पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर, शुगर पेस्ट समेत 25 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री और बड़ी संख्या में पाइप मिले हैं। इनकी पाइप बम बनाने की साजिश थी। एक रॉकेट लॉन्चर भी बरामद हुआ है।
आरोपियों में एक महिला, एक सिविल इंजीनियरिंग छात्र और गारमेंट्स का बिजनेस करने वाला व्यक्ति भी शामिल है। ज्यादातर आरोपी 30 साल से कम के हैं। इनका हैंडलर एक विदेशी है।एनआईए के आईजी मित्तल ने बताया कि आतंकी संगठन से जुड़े संदिग्ध सेल्फ फंडिंग करते थे।
कुछ लोगों ने घर का सोना चोरी करके बेचा। इसी से बम बनाने के उपकरण और विस्फोटक खरीदे गए। इनकी जल्द ही धमाके करने की साजिश थी।दरअसल, कश्मीर के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जाकिर मूसा की उत्तर प्रदेश के अमरोहा में मौजूदगी के इंटेलिजेंस इनपुट थे। इस वजह से सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर थीं।
इसी के साथ अमरोहा के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा एक आतंकी को पिस्तौल बेचे जाने के मामले की भी तीन महीने से जांच की जा रही थी। इस मामले में पुख्ता इनपुट मिलने के बाद एनआईए ने 17 जगहों पर छापे मारे।
संदिग्धों के पास से 7.5 लाख रुपए कैश, 100 मोबाइल फोन, 135 सिमकार्ड्स, लैपटॉप और मेमोरी कार्ड्स जब्त किए गए हैं। 120 अलार्म घड़ियां भी बरामद की गई हैं।आईजी मित्तल ने कहा, पकड़े गए आरोपी सिर्फ वॉट्सएप और मैसेजिंग एप टेलीग्राम से संपर्क करते थे।
एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया है कि वे रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट और फिदायीन हमले की तैयारियां पूरी कर चुके थे। अब बुलेटप्रूफ जैकेट और सुसाइड जैकेट बनाने में जुटे थे। हालांकि, इसमें इन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी थी।
एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया है कि वे रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट और फिदायीन हमले की तैयारियां पूरी कर चुके थे। अब बुलेटप्रूफ जैकेट और सुसाइड जैकेट बनाने में जुटे थे। हालांकि, इसमें इन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी थी।
जांच एजेंसी ने आरोपियों से पूछताछ के बाद बताया कि कुछ बड़े नेता उनके निशाने पर थे। दिल्ली स्थित संघ कार्यालय और पुलिस मुख्यालय पर भी हमले की साजिश थी। दिल्ली के बाजारों में रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट किए जाने थे। एनआईए ने कहा कि 2017 से अब तक आईएसआईएस से प्रभावित होकर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने वाले 103 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।