महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट को देखते हुए सत्तारूढ़ सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने यह जानने की मांग की कि वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिवसेना के बागी विधायकों के फ्लाइट और होटल के बिल का भुगतान आखिर कौन कर रहा है।
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से काले धन के स्रोत की जांच करने का आह्वान किया है।तापसे ने पूछा सूरत (गुजरात) और गुवाहाटी (असम) के होटलों के साथ-साथ चार्टर्ड उड़ानों का बिल कौन भर रहा है?
उनकी पार्टी के सहयोगी क्लाइड क्रेस्टो ने कहा कि कैसे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कह रहे हैं कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में (विद्रोही शिवसेना विधायकों) का समर्थन कर रही है।उन्होंने सवाल दागते हुए कहा इसलिए, क्या यह बयान निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर है? विधायकों को सूरत कौन ले गया?
उन्हें असम कौन ले गया? गुवाहाटी में उनके होटल के बिलों का भुगतान कौन कर रहा है?हालांकि विद्रोही समूह के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने शनिवार शाम गुवाहाटी में कहा कि विद्रोह के पीछे विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ नहीं है और न ही कोई पार्टी इस पर तंज कस रही है, लेकिन संकेत दिया कि विधायक अपने बिलों का भुगतान खुद कर रहे हैं।
बता दें कि 20-21 जून की रात को शिवसेना के विधायक, एमएलसी चुनाव के बाद बहाने से खिसक लिए और उन्होंने किसी तरह अपनी पुलिस सुरक्षा को भी हटा दिया और अंत में वे शिवसेना नेतृत्व की पहुंच से बाहर हो गए।21 जून की भोर तक यह स्पष्ट हो गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी सहयोगी शिवसेना में एक बड़ा विद्रोह सामने आया है।
मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोहियों ने कुछ दिन सूरत के डायमंड हब में पांच सितारा ले मेरिडियन होटल में बिताए और बाद में उन्हें एक चार्टर्ड विमान से गुवाहाटी ले जाया गया, जहां वे पांच सितारा रैडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं।
शिवसेना, साथ ही निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों का समूह, गुवाहाटी होटल के लगभग 70 कमरों में आराम कर रहा है, जिन्हें उनके लिए कम से कम एक सप्ताह के लिए 1.20 करोड़ रुपये में बुक किया गया है। वे वहां पर बैठकें कर रहे हैं और आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है।
एमवीए नेताओं के अनुसार, दोनों शहरों में बागी नेताओं को लग्जरी सुविधाएं प्रदान की गईं। फाइव स्टार होटलों के खर्चे के अलावा विमान यात्रा और उनकी सुरक्षा पर हो रहे खर्च पर भी महागठबंधन के नेताओं ने सवाल उठाए हैं।तृणमूल कांग्रेस ने होटल में विरोध प्रदर्शन किया, जबकि असम कांग्रेस ने गुवाहाटी में शिवसेना के विधायकों के प्रवास पर आपत्ति जताई।