जम्मू-कश्मीर के नौगाम इलाके में शुरू हुआ ऑपरेशन अब तक जारी है। इसमें 3 जवान शहीद हो गए। वहीं, आर्मी ने जवाबी कार्रवाई में 4 आतंकी मार गिराए। एनकाउंटर उस वक्त शुरू हुआ जब जवानों ने घुसपैठ कर रहे आतंकियों को रोकने की कोशिश की। कुछ देर बाद ही जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया। फायरिंग में दो जवान भी शहीद हो गए।
इस एनकाउंटर में जवान दो और आतंकियों को मार गिराने में कामयाब रहे। आर्मी ने बताया कि इनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।डिफेंस मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन कर्नल राजेश कालिया ने कहा- जवान नौगाम सेक्टर में एलओसी के पास पेट्रोलिंग कर रहे थे। तभी उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आतंकियों के घुसते देखा।
जवानों ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा। तभी आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।अभी भी जंगलों में कुछ और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। इसलिए ऑपरेशन अब तक खत्म नहीं किया गया है।पाकिस्तान की तरफ से जनवरी से अप्रैल तक 67 बार सीजफायर वॉयलेशन किया गया।
अप्रैल में ही करीब 26 बार सीजफायर वॉयलेशन की घटनाएं हुईं। इस दौरान जवानों ने 27 आतंकियों को मार गिराया।पाकिस्तान ने इस हफ्ते एलओसी से सटे इलाकों में लगातार सीजफायर वॉयलेशन किया। भारत ने भी इसका जवाब दिया। कश्मीर के कई गांवों को खाली कराना पड़ा था।
जम्मू-कश्मीर में सिक्युरिटी को लेकर हुई रिव्यू मीटिंग में कहा गया कि आर्मी बॉर्डर पार से होने वाली किसी भी कार्रवाई का मजबूती से जवाब देने के लिए तैयार रहें।आमतौर पर पाकिस्तान फायरिंग की आड़ लेकर आतंकियों को घुसपैठ के जरिए कश्मीर में दाखिल करता है।जेटली ने शुक्रवार को रामपुर सेक्टर में LoC का एरियल सर्वे किया था।
इस दौरान नॉर्थ कश्मीर में एक फॉरवर्ड पोस्ट पर जवानों और अफसरों से मुलाकात कर एलओसी पर सिक्युरिटी का जायजा लिया।उन्होंने कहा था LoC पर जवानों की तैयारी देखकर सुकून महसूस हुआ। हमारे जवान कश्मीर में पाकिस्तान की किसी भी हरकत का माकूल जवाब देने के लिए तैयार हैं। एलओसी पर घुसपैठ और सीजफायर जैसी घटनाओं से निपटने के लिए सिक्युरिटी सख्त रखें। पूरा देश आपके साथ है। घुसपैठ कर घाटी में दाखिल होने वाले आतंकियों के साथ सख्ती से निपटा जाए।