अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपने आदेश के अनुपालन में कांग्रेस पार्टी को साल 2010-11 के लिए अपना बैलेंस शीट दाखिल करने को कहा। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पांच अन्य आरोपी हैं। अदालत का आदेश तब आया है जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से उपस्थित वकील ने अदालत को सूचित किया कि पार्टी को 11 मार्च के आदेश का पालन करने के लिए समय की आवश्यकता है। उसी आदेश के जरिए दस्तावेजों की मांग की गई थी।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने दलीलों को सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 अप्रैल को निर्धारित कर दी। अदालत भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई कर रही है।अधिवक्ता बदर महमूद ने कहा कि अदालत के सम्मन 19 मार्च को मिले और किस साल से संबंधित दस्तावेज मांगे गए, उसके बारे में स्पष्टता का अभाव है।वकील ने कहा, ‘सम्मन में यह स्पष्ट नहीं हैं कि यह साल 2010 के लिए था या 2011 या दोनों के लिए।’ कांग्रेस कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी ने कहा कि दस्तावेज प्रदान करने के लिए शनिवार को पार्टी कार्यालय में कोई भी मौजूद नहीं था।
अपने 11 मार्च के आदेश में अदालत ने एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड (एजेएल) के साल 2010-11 के बैलेंस शीट को मांगा था। अदालत ने कहा था कि इन दस्तावेजों को कांग्रेस और एजेएल के निजी दस्तावेजों के तौर पर नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, एजेएल की ओर से उपस्थित वकील ने आज अदालत के समक्ष कहा कि जिन दस्तावेजों की मांग अदालत ने की है वो पहले ही अदालत के रिकॉर्ड में हैं। इसकी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के अधिकारियों ने जांच की थी, जिन्हें सम्मन पूर्व साक्ष्य दर्ज करने के दौरान तीन बार तलब किया गया था।
एजेएल की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा ने कहा, ‘हमें धोखा दिया जा रहा है। जो दस्तावेज तलब किये गए हैं वो पहले ही अदालत के रिकॉर्ड में हैं। सिर्फ प्रचार पाने के उद्देश्य से शिकायतकर्ता ने यह शिकायत दाखिल की है क्योंकि वह इस मामले के बारे में अपने सोशल नेटवर्किंग एकाउन्ट ट्विटर से ट्वीट कर रहा है।’ उन्होंने यह बात अदालत को स्वामी के कुछ ट्वीट दिखाने के दौरान कही।स्वामी ने सोनिया, राहुल और अन्य पर महज 50 लाख रुपये का भुगतान करके धोखाधड़ी और कोष की घपलेबाजी की साजिश करने का आरोप लगाया था।