BSP सुप्रीमो मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे को party से निकाला

मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बीएसपी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टी की छवि को खराब कर रहे थे. मिश्रा ने आरोप लगाया कि सिद्दीकी ने पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति बनाई और अवैध बूचड़खाने भी चला रहे थे.

कभी बसपा मुखिया मायावती का दाहिना हाथ कहे जाने वाले पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भ्रष्टाचार और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में आज पार्टी से निकाल दिया गया. बसपा महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सतीश चन्द्र मिश्र ने यहां संवाददाता सम्मेलन में इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नसीमुद्दीन ने चुनाव के दौरान लोगों से धन लिया.

पार्टी की जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया. पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे और इन आरोपों पर पक्ष जानने के लिये बार-बार बुलाने पर भी नहीं आये. उन्होंने कहा कि बसपा में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं है, लिहाजा नसीमुद्दीन और उनके बेटे अफजल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.कुछ दिन पहले उन्होंने अपने भाई आनंद को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया.

पार्टी से निष्कासित किए गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिनती बीएसपी के कद्दावर नेताओं में होती थी. वह पार्टी के अल्पसंख्यक चेहरे थे और उन्हें मायावती का करीबी माना जाता था. बसपा की पिछली सरकार में बेहद ताकतवर मंत्री रहे नसीमुद्दीन मुख्यमंत्री मायावती का दायां हाथ माने जाते थे. उन पर मंत्री पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के भी बेहद गम्भीर आरोप लगे थे.

गौर हो कि उत्तर प्रदेश चुनावों में करारी हार के बाद एक्शन लेते हुए बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को सभी पदों से हटा दिया था. बताया गया था कि सिद्दीकी केवल राष्ट्रीय सचिव पद पर ही बरकरार रहेंगे. यूपी चुनाव के बाद मायावती ने पार्टी में बड़े बदलाव के संकेत भी दिए थे. यूपी विधानसभा चुनाव में भी बीएसपी के लचर प्रदर्शन के बाद मायावती संगठन को नए सिरे से तैयार करने में जुटी हैं और यह उसीकी कवायद हो सकती है.

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