मुस्लिम महिला ने अपने पति पर लव जिहाद अभियान चलाने, अवैध हथियारों का व्यापार करने, विदेशी नागरिकों को पनाह देने और दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
मंगलवार को यहां इंदिरा नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई और महिला ने अपनी सास को सह आरोपी बताया है।महिला ने अपनी शिकायत में बताया है कि उसका पति अशरफ कर्नाटक के बेंगलुरू में एक दरगाह खानकाह-ए-अशरफिया हुसैनिया कुतुबे का प्रमुख है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी), उत्तर, प्राची सिंह ने कहा कि इस संबंध में गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण अध्यादेश, 2020 के तहत निषेध और जबरन वसूली और दहेज उत्पीड़न के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में महिला ने दावा किया कि उसने 2019 में अशरफ से शादी की और उसके साथ बेंगलुरू चली गई।शादी के तुरंत बाद, उसने गैर-मुस्लिम महिलाओं से दोस्ती करने और उन्हें घर लाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया।
महिला ने कहा कि उसने शुरू में अपने पति के फरमान का पालन किया, क्योंकि उसे अपने पति को उससे दूर हो जाने का डर था।महिला ने बताया, बाद में, जब मैं गर्भवती हुई तो अशरफ ने मुझे लिंग निर्धारण परीक्षण कराने के लिए मजबूर किया।
जब अशरफ और उसकी मां को पता चला कि अजन्मा बच्चा एक लड़की है, तो उन्होंने मुझे पीटा। उन्होंने मेरे भाई को फोन किया और मेरी जान बख्शने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की। मेरे भाई ने उन्हें 7.5 लाख रुपये का भुगतान किया।
उसने दावा किया कि अशरफ और उसकी मां लव जिहाद अभियान चला रहे थे और अशरफ के कहने पर विदेशी मूल के कुछ कट्टरपंथियों ने भी उसे प्रताड़ित किया।उसने उन पर अपने लव जिहाद अभियान को अंजाम देने के लिए तीर्थयात्रियों को लाने का भी आरोप लगाया।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा, अशरफ ने तय समय में एक हिंदू लड़की से शादी कर ली और उसका नाम बदलकर मदीहा कर दिया। बाद में उसे उस दरगाह में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसे हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि अशरफ और उसकी मां ने उसे यह कहते हुए घर से बाहर कर दिया कि वे उसे तभी लौटने देंगे, जब वह उन्हें 17.5 लाख रुपये का भुगतान करेगी और चार गैर-मुस्लिम लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए लाएगी।महिला ने बताया, इसके बाद मैं लखनऊ वापस आई और अपनी बेटी को जन्म दिया।