वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने अगले साल होने वाले राष्ट्रपति पद की दौड़ में खुद को शुमार कर लिया है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो जोशी ने राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी और आरएसएस नेताओं को अपने समर्थन में करने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है।रिपोर्टों के अनुसार जोशी ने हाल में इस संबंध में पीएम मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही दूसरे वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की थी।
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर अपनी दावेदारी तेज करते हुए जोशी ने गत 22 मई को पीएम मोदी से 7 आरसीआर में मुलाकात की थी।रिपोर्टों के अनुसार जोशी ने जून के पहले सप्ताह में नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में मोहन भागवत से लंबी बातचीत की थी। इसके अलावा वह 6-7 जून को मुंबई में आरएसएस के दूसरे नेताओं से भी मिले थे।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इलाहाबाद में बैठक के दौरान पीएम मोदी और जोशी के बीच निकटता देखने को मिली। जोशी और मोदी एक साथ नजर आए। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद आडवाणी, जोशी और यशवंत सिंहा को मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर दिया गया था। इसके बाद विपक्ष भाजपा पर आरोप लगाता था कि पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को हाशिए पर कर दिया है।
भाजपा सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पार्टी देश के सर्वोच्च पद पर जोशी को बिठाकर उन्हें सम्मान देने की कोशिश कर रही है। भाजपा और संघ का पूरा प्रयास है कि देश के दोनों शीर्ष पदों (राष्ट्रपति और पीएम) पर भगवा नेता ही बैठें जिससे देश के लिए अहम फैसले लेने में कोई दिक्कत ना हो।