मुंबई हाई कोर्ट ने ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत दर्ज मामले में मुंबई पुलिस के आयुक्त रह चुके परमबीर सिंह को 24 मई तक गिरफ्तार नहीं करे।सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और मामले की सीबीआई जांच कराए जाने का अनुरोध किया था।
न्यायूमर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावड़े की खंडपीठ ने शुक्रवार देर रात इस याचिका पर सुनवाई की।सिंह के अधिवक्ता ने दलील दी कि पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके कारण उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन सरकार ने कहा कि शिकायत में अपराध का खुलासा हुआ था, इसलिए प्राथमिकी दर्ज की गई।
बहरहाल, पीठ ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने के समय पर सवाल उठाया और कहा हमें समझ नहीं आ रहा कि सरकार के साथ परमबीर सिंह के झगड़े के बाद ही ये सब क्यों।पीठ ने मामले में देर रात को एक घंटे से अधिक समय तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। पीठ ने कहा अब यह अवकाशकालीन पीठ नहीं बन सकती है और इसलिए मामले की सुनवाई सोमवार को की जाएगी।
अदालत ने कहा चूंकि मामले पर सुनवाई चल ही रही है इसलिए अगली सुनवाई तक महाराष्ट्र सरकार परमबीर सिंह को इस मामले में गिरफ्तार नहीं करेगी।अदालत ने कहा कि उसे मामले की सुनवाई इतनी रात में इसलिए करनी पड़ी क्योंकि राज्य सरकार पिछले हफ्ते दिए अपने बयान से आगे बढ़ने की इच्छुक नहीं थी कि वह कुछ और दिनों तक सिंह को गिरफ्तार नहीं करेगी।