स्काईमेट ने इस साल देश में सामान्य मानसून का अनुमान लगाया है। जुलाई-अगस्त में कम बारिश हो सकती है, लेकिन इसकी भरपाई जून और सितंबर में हो जाएगी जब 101% पानी बरस सकता है। बता दें कि पिछले साल देश में 841.3 मिलीमीटर बारिश हुई थी। यह आंकड़ा सामान्य से पांच फीसदी कम था।
बता दें कि इस बार मार्च में ही देश के 91 जलाशयों में पानी का स्तर 36 फीसदी रह गया था।मानसून जून से सितंबर के बीच चार महीने का माना जाता है। देश में जब 96% से 104% के बीच बारिश होती है तो उसे सामान्य मानसून कहा जाता है। देश में हर साल औसतन 887.5 मिमी बारिश होती है।
ये चार महीने इसलिए अहम माने जाते हैं क्योंकि इस दौरान बरसने वाला पानी देश की सालभर की बारिश में 70% योगदान देता है।स्काईमेट का अनुमान है कि जुलाई में 97 फीसदी और अगस्त में 96 फीसदी बारिश हो सकती है। यह आंकड़ा सामान्य से कम बारिश का है। लेकिन इसकी भरपाई जून और सितंबर में ज्यादा बारिश से हो सकती है।
इस साल देश के किसी भी हिस्से में सूखा पड़ने की संभावना 0% है। सामान्य बारिश होने से यह साल किसानों और देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा साबित हो सकता है।देशभर में सामान्य बारिश की संभावनाएं 55% हैं। सामान्य से थोड़ी कम बारिश होने की संभावना 20% है। सामान्य से ज्यादा बारिश की उम्मीद 5% है।स्काईमेट के अलावा भारतीय मौसम विभाग भी अगले हफ्ते तक अपने अनुमान जारी करेगा।
उत्तर भारत : वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, शिमला, मनाली, देहरादून, श्रीनगर समेत पूर्वी यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान है। वहीं दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़, आगरा, जयपुर और जोधपुर में सामान्य बारिश की उम्मीद है।
मध्य भारत : इंदौर, जबलपुर, रायपुर, मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक में भारी बारिश होगी। वहीं राजकोट, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत में सामान्य बारिश की उम्मीद है।
दक्षिण भारत : चेन्नई, बेंगलुरु, तिरूवनन्तपुरम, कोन्नूर, कोझिकोड, मंगलुरू, हैदराबाद, कर्नाटक के तटीय इलाकों, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम में इस बार मानसून सामान्य या सामान्य से कुछ कम रह सकता है।
पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली मैगजीन डाउन-टू-अर्थ के मुताबिक, देश के 91 जलाशयों में पानी का मौजूदा स्तर 36 फीसदी है।1 मार्च तक रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों के मुताबिक 91 जलाशयों में 57.684 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी है। पिछले एक महीने इनके स्तर में 7 फीसदी की कमी आई है। 1 फरवरी को 69.887 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी रिकॉर्ड किया गया था।