आतंकी अजमल कसाब के बाद जिंदा पकड़े गए नावेद ने नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) के समक्ष पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। जम्मू के मीरां साहिब में ज्वांइट इंटेरोगेशन सेंटर में पूछताछ के दौरान नावेद ने बताया कि उसे उत्तरी कश्मीर के साथ लगते गुलाम कश्मीर में मुजफ्फराबाद के कंडी हबीबउल्ला इलाके में 21 दिन की ट्रेनिंग दी गई थी, जिसमें उसे एके-47 से लेकर अन्य स्वचालित हथियारों को चलाने व ग्रेनेड फेंकने के अलावा बारूदी सुरंग बिछाने का प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर व मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के बेटे तल्ला हाफिज सईद ने उसे जेहाद का पाठ पढ़ाया था, जिसमें उसने उसे कश्मीर में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के बारे में बताया और कहा कि वहां पर मुसलमान सुरक्षित नहीं है।
उत्तरी कश्मीर से भारत में घुसा नावेद ने बताया कि ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह एलओसी पार कर उत्तरी कश्मीर से भारतीय क्षेत्र में घुसा। जहां उसकी मुलाकात बताए गए लश्कर के एक कमांडर से हुई। कुछ दिन वह उत्तरी कश्मीर में ही ऊधमपुर में मारे गए अपने साथी मोमिन के साथ एक गुफा में रहा। यहां से वे ट्रक में सवार होकर मंगलवार को ऊधमपुर पहुंचे और उन्होंने एक रात पत्नीटाप के जंगल में स्थित एक मस्जिद में गुजारी। अगले दिन सुबह उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया।छह आतंकियों ने की थी घुसपैठ नावेद ने यह खुलासा भी किया कि उत्तरी कश्मीर से छह आतंकियों के ग्रुप ने घुसपैठ की है और हर ग्रुप में दो-दो आतंकी शामिल हैं।
एनआइए की टीम नावेद को पूछताछ के लिए विशेष फ्लाइट से श्रीनगर ले गई, जिसमें उससे मिले सुरागों को पुख्ता करने के लिए उन स्थानों पर ले जाया जाएगा जिसका खुलासा उसने पूछताछ में किया है। इससे पूर्व सुबह दिल्ली से विशेष फ्लाइट से एनआइए की टीम जम्मू पहुंची। आइजी संजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में एनआइए के अधिकारियों ने नावेद से करीब चार घंटों तक पूछताछ की। इससे पूर्व जम्मू-कश्मीर के डीजीपी के राजेंद्रा, आइजी जम्मू दानिश राना, डीआइजी अशकूर वानी, जी ब्रांच के डीआइजी धर्मेंद्र कुमार पारिक के अलावा रा, एमआई व अन्य एजेंसियों ने भी अपने-अपने तौर पर पकड़े गए आतंकी से पूछताछ की।