जमियत उलेमा ए हिन्द ने मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाते हुये कहा कि यह संगठन राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को बनाये रखने की लडाई खून के अंतिम कतरा तक लडेगा.संगठन के प्रमुख सैयद अरशद मदनी ने राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये कहा कि मुसलमान देश की आजादी और उसके धर्मनिपेक्ष स्वरूप को बनाये रखने की लड़ाई 150 वर्षो से लड रहे हैं तथा इसके लिये लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है.
उन्होंने कहा क 1957 के विद्रोह के दौरान केवल दिल्ली में अंग्रेजों ने 33 हजार मुसलमानों को फांसी दी थी.उन्हें हिन्दू राष्ट्र कतई मंजूर नहीं है.श्री मदनी ने कहा कि देश के 20 करोड़ मुसलमान और पांच करोड़ इसाइयों के लिये घर वापसी का नारा दिया जा रहा है जिससे साबित होता है कि हम सभी एक ही मां बाप की संतान हैं और मुट्ठी भर फिरकापरस्त ताकतों के इस प्रयास को कभी भी सफल नहीं होने दिया जायेगा.उन्होंने कहा कि उनका संगठन धार्मिक है और धार्मिक स्वतांता को जारी रखे जाने के पक्ष में तथा उनकी संसद या विधानसभा सदस्य बनने की कोई इच्छा नहीं है.
जमियत नेता ने कहा कि देश की स्वतंत्रता की लडाई में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कोई योगदान नहीं था लेकिन अब इसके लोग अभिव्यक्ति की आजादी को समाप्त करना चाहते हैं . उन्होंने कहा कि वह जेएनयू छा संघ के नेता कन्हैया कुमार के साथ हैं और उसके संघर्ष को सलाम करते हैं.श्री मदनी ने कहा कि देश के विभाजन के बाद भारत में मुसलमान और पाकिस्तान में सिख जुल्म के शिकार हुये थे और आज भी ऐसी परिस्थिति बन रही है जिससे मुसलमान एवं इसाई में दहशत का माहौल बन रहा है .
उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुसलमान और दूसरे अल्पसंख्यकों को वोट के अधिकार से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन असम में वोट के अधिकार से वंचित लोगो की लडाई उच्चतम न्यायालय में लडी और पिछले दिनों उन्हें न्यायालय ने यह अधिकार दिया . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नवी आजाद ने कहा कि यह देश धर्मनिरपेक्ष और सभी धर्मो का है तथा सभी धर्म के लोग जिसके साथ होंगे उसी की जीत होगी . उन्होंने कहा कि इंसान से इंसान के बीच नफरत फैलाने वाला किसी का शुभचिंतक नहीं हो सकता.
श्री आजाद ने कहा कि देश में हिन्दू और मुसलमानों के बीच कोई लड़ाई नहीं है लड़ाई सोच की है . दुनिया में जिस तरह से आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का विरोध किया जा रहा है उसी तरह का विरोध आरएसएस के साथ भी किया जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि डर का माहौल पैदा करने के लिये टीवी और कुछ अन्य जगहों में धर्मनिरपेक्षता की बात करने के कारण पाकारो को नौकरी से हटाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि देश आज मुश्किल दौर से गुजर रहा है और जमियत उलेमा ए हिन्द ने आजादी के दौरान जैसी भूमिका निभाई थी उसकी आज भी जरूरत है . उन्होंने कहा कि कांग्रेस , वामपंथी और कुछ छोटे दलों ने आजादी की लडाई लडी थी लेकिन सबसे अधिक शहादत उलेमाओं ने दी थी.मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि जिन लोगों ने आजादी की लडाई लडी थी उन्हीं से अब देश प्रेम का प्रमाणपा मांगा जा रहा है. उन्होने कहा कि मोदी सरकार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू , मुसलमान और ईसाई से नफरत है . उन्होंने कहा कि जो पठानकोट में दहशतगदरे को नहीं रोक पाये वे जेएनयू में पठानी दिखाते हैं.