प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर पूरी तरह रोक लगाकर अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील करते हुए कहा है कि भारत-पाक संबंध ‘वास्तव में बहुत ज्यादा ऊंचाइयों पर पहुंच’ सकते हैं, बशर्ते पाकिस्तान ‘अपनी ही बनाई हुई’ आतंकवाद की बाधा को हटा दे, बेशक वह राज्य प्रायोजित हो अथवा सरकार से इतर। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ‘द वॉल स्ट्रीट जनरल’ की वेबसाइट पर टिप्पणियां पोस्ट करते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि यदि पाकिस्तान खुद की थोपी हुई आतंकवाद की बाधा को हटा दे तो हमारे संबंध वास्तव में बहुत ज्यादा ऊंचाइयां हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने लिखा, ‘हम पहला कदम उठाने के लिए तैयार हैं लेकिन शांति की राह अब एक दोतरफा मार्ग है।’ मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा यह कहा है कि एक-दूसरे से लड़ने के बजाय भारत और पाकिस्तान को मिलकर गरीबी के खिलाफ लड़ना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘स्वाभाविक तौर पर हम चाहते हैं कि पाकिस्तान अपनी भूमिका निभाए।’ प्रधानमंत्री ने कहा ‘लेकिन आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं हो सकता। यह तभी रूक सकता है, जब आतंकवाद को दिया जाने वाला हर प्रकार का समर्थन बंद किया जाए, फिर चाहे वह सरकार प्रायोजित आतंकवाद हो या सरकारेतर आतंकवाद।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को सजा देने की दिशा में प्रभावी कदम उठा पाने की पाकिस्तान की विफलता हमारे संबंधों की प्रगति को सीमित करती है।’ मोदी ने कहा कि एक शांतिपूर्ण एवं खुशहाल पड़ोस के उनकी सरकार के सक्रिय एजेंडे की शुरूआत उनकी सरकार के पहले दिन से हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा है कि जो भविष्य मैं भारत के लिए चाहता हूं, वैसे ही भविष्य का सपना मैं अपने पड़ोसियों के लिए भी देखता हूं।
मेरी लाहौर यात्रा इसी विश्वास का स्पष्ट संकेत था।’ भारत की दशकों पुरानी गुट निरपेक्ष नीति में बदलाव की बात को खारिज करते हुए मोदी ने कहा कि सीमा विवाद के बावजूद चीन के साथ कोई झड़पें नहीं हुई हैं। उन्होंने पिछली सदी से इतर आज के ‘अंतरनिर्भरता वाले विश्व’ के इस ‘नए तरीके’ को रेखांकित किया।उन्होंने कहा, ‘भारत की गुट निरपेक्ष नीति को बदलने की कोई वजह नहीं है। यह एक विरासत है और यह मौजूद रही है।
लेकिन यह सच है कि पहले की तुलना में आज भारत एक कोने पर नहीं खड़ा। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।’ उन्होंने कहा, ‘हम क्षेत्र में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जिम्मेदारियों से पूरी तरह अवगत हैं।’ भारत के गुट निरपेक्ष आंदोलन पर मोदी का महत्वपूर्ण बयान चीन की आक्रामकता के सवाल के जवाब में आया है। भारत की इस नीति को अब कई लोग रणनीतिक स्वायत्तता की संज्ञा देते हैं।
उनसे पूछा गया था, ‘अमेरिका भारत को लेकर बहुत उत्सुक है। भारत..जो एक उभरती शक्ति है। उसके साथ गठबंधन नहीं तो कम से कम उसके साथ एक समूह बनाने का तो इच्छुक है ही, जो कुछ हद तक चीन का मुकाबला कर सकता है। आप वैश्विक मंच पर भारत को कौन सा रूख अख्तियार करते हुए देखते हैं?’ मोदी ने कहा, ‘हमारी आज चीन से कोई लड़ाई नहीं है। हमारा सीमा को लेकर एक विवाद है लेकिन कोई तनाव या झड़पें नहीं हैं। जनता का जनता के साथ संपर्क बढ़ा है। व्यापार बढ़ा है। भारत में चीनी निवेश बढ़ा है। चीन में भारत का निवेश बढ़ा है।