केजरीवाल सरकार द्वारा विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री का वेतन बढ़ाने संबंधी बिल विधानसभा से पारित करने के बाद मोदी सरकार भी प्रधानमंत्री, मंत्री और सांसदों का वेतन बढ़ाने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार का ऐसा मानना है कि इन लोगों का वेतन सरकार के कैबिनेट स्तर के सचिव की तुलना में अधिक होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने के बाद सचिवों का वेतन पीएम, केंद्रीय मंत्री और सांसदों से ज्यादा हो जाएगा। फिलहाल यह प्रस्ताव है कि सांसदों का वेतन कैबिनेट सचिवों के वेतन से 1000 रुपये ज्यादा रखा जाए।
वहीं, मंत्रियों का वेतन कैबिनेट सचिव से 10000 रुपये ज्यादा किया जा सकता है। पीएम का वेतन कैबिनेट सचिव से 1.5 गुना के करीब होना चाहिए। यह भी तय किया जा रहा है कि भविष्य में जब भी वेतन आयोग लागू किया जाए तो यह वेतन स्वत: ही बढ़ जाए।फिलहाल स्थिति है कि दिल्ली का विधायक देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा वेतन लेगा। शुक्रवार को ही दिल्ली विधानसभा ने इस आशय का एक बिल पास किया है।
हाल ही लागू किए गए सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कैबिनेट स्तर के सचिव का वेतन 2.25 लाख रुपये होगा और इस स्तर के किसी भी अधिकारी का सर्वाधिक वेतन 2.50 लाख तक सीमित रहेगा। बुधवार को कुछ सांसदों ने राज्यसभा में यह मांग की थी कि उनका वेतन कैबिनेट सचिव से एक रुपये ज्यादा होना चाहिए।