मोदी ने की पहली भारत- मध्य एशिया समिट में क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग के मसले पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत और मध्य एशिया के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए आपसी सहयोग जरूरी है। श्री मोदी ने गुरूवार को पहली भारत-मध्य एशिया समिट को संबोधित करते हुए कहा मैं भारतीय ²ष्टिकोण से इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि मध्य एशिया एक एकीकृत और पड़ोस में भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है।

दूसरा उद्देश्य हमारे सहयोग को एक प्रभावी ढांचा देना है। यह विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न हितधारकों के बीच नियमित बातचीत की रूपरेखा स्थापित करेगा। तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार करना है। इसके माध्यम से, हम अगले 30 वर्षों के लिए क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग के लिए एक एकीकृत ²ष्टिकोण अपनाने में सक्षम होंगे।

विदेश मंत्रालय की ओर से गुरुवार को इस वर्चुअल समिट का आयोजन किया जिसमें सभी पांच मध्य एशियाई देशों के प्रमुखों – कजाकिस्तान , किर्गिजस्तान , ताजिकिस्तान , तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान गणराज्य के प्रमुखों ने भाग लिया। यह भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक का विस्तार है जो 19 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। उन देशों के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया था।

श्री मोदी ने कहा कि कजाकिस्तान भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है। उज्बेकिस्तान के साथ हमारे बढ़ते सहयोग में हमारी राज्य सरकारें भी सक्रिय भागीदार हैं। इसमें मेरा राज्य गुजरात भी शामिल है। शिक्षा और हाई अल्टीटयूड शोध में किर्गिस्तान के साथ हमारी सक्रिय भागीदारी है और वहां हजारों भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा ताजिकिस्तान के साथ, हमारे बीच लंबे समय से सुरक्षा सहयोग है और हम इसे लगातार मजबूत कर रहे हैं। तुर्कमेनिस्तान क्षेत्रीय संपर्क के क्षेत्र में भारतीय ²ष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अश्गाबात समझौते में हमारी भागीदारी से स्पष्ट है।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *