डीएमके के विधायकों को बाहर निकाले जाने के तरीके के विरोध में मरीना बीच पर पार्टी के प्रमुख एम.के.स्टालिन के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे डीएमके के विधायकों को शनिवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन अपनी पार्टी के विधायकों के साथ मरीना बीच स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठे थे.
पुलिस ने बाद में डीएमके नेताओं को हिरासत में ले लिया. डीएमके समर्थकों ने घटनास्थल पर पुलिस के वाहनों को रोक दिया.वहीं, मरीना बीच से कुछ सौ मीटर की दूरी पर शशिकला के नेतृत्व वाला एआईएडीएमके का खेमा पलनीस्वामी के विश्वास मत हासिल करने को लेकर जीत का जश्न मना रहा था.
पलनीस्वामी, उनके मंत्री तथा एआईएडीएमके के अन्य लोग बीच पर पहुंचे और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजिल अर्पित की.इससे पहले, स्टालिन ने प्रदेश के राज्यपाल सी.विद्यासागर राव से मुलाकात की और विधानसभा में घटित घटना के बारे में शिकायत की.सदन से उन्हें और उनकी पार्टी के विधायकों को निकाले जाने के बाद स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने मुख्यमंत्री ई.के.पलनीस्वामी की सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग की थी.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने सदन की कार्यवाही एक सप्ताह तक स्थगित करने की मांग की थी, ताकि विधायक वापस अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाएं और विश्वास मत के लिए मतदान करने से पहले जनता की राय जानें.स्टालिन ने आरोप लगाया कि उन्हें मार्शलों के माध्यम से जबरदस्ती बाहर निकलवा दिया गया. इस दौरान उन्हें चोटें आईं और कमीज भी फट गई.