कई राज्यों में जारी मानसून के दूसरे चरण में भी भारी बारिश हो रही है. अनुमान से ज्यादा बारिश होने से ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान में लोगों की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ गई हैं. भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों के लिए उन राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है जहां भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है.
बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र बनने से बुधवार को पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र में भारी वर्षा हुई. इस मौसम प्रणाली के कारण कोलकाता समेत दक्षिण बंगाल के जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है तथा एक-दो स्थानों पर बेहद भारी बारिश हुई.
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में चक्रवातीय परिसंचरण क्षेत्र बनने से राज्य के दक्षिणी हिस्से में गांगेय पश्चिम बंगाल में आज गुरुवार दोपहर तक भारी बारिश होगी.देश का दिल माने जाने वाले मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम, विदिशा और गुना जिले बाढ़ की चपेट में हैं.
प्रदेश के मध्य भाग में भोपाल और सागर के पास बना दबाव क्षेत्र राजस्थान की ओर बढ़ गया है और कमजोर हो गया है. IMD के भोपाल कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि राजस्थान की सीमा से लगे नीमच, मंदसौर और रतलाम में कम तीव्रता के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है.
उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों तक राज्य के शेष हिस्सों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है.दिल्ली में अगस्त के अंत तक अच्छी बारिश होने के कोई आसार नहीं है. मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार अगले पांच से छह दिन में दिल्ली में आमतौर पर बादल छाए रहने और बहुत हल्की बारिश होने की संभावना है.
बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इसके झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है. इसके असर से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बारिश हो सकती है. स्काईमेट वेदर के लॉन्ग-रेंज फोरकास्ट के अनुसार, सितंबर माह के पहले 15 दिन में भी कम ही बारिश होने की संभावना है.
राजस्थान में लगातार बारिश के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से कोटा जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं वहीं झालावाड़ और धौलपुर जिले में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना को बुलाया गया है. भारी बारिश के कारण बारां और बूंदी जिलों में बाढ़ में दो लोग बह गए और दो लापता हो गए.
उन्होंने बताया कि इन जिलों में लगभग 1100 लोगो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.बारा और झालावाड़ जिले में बचाव अभियान चलाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में लगाया गया है. कई गांव टापू बने हुए है, संभाग के चार जिलों-कोटा, बारां, झालावाड़ और बूंदी में स्कूल बंद हैं.
बारां और झालावाड़ में फंसे कुछ लोगों को एयरलिफ्ट करते हुए 1100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.चंबल, परवन, पार्वती, कालीसिंध जैसी नदियों में बाढ़ आ गई है. झालावाड़ में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा बचाव कार्य में सेना भी लगी हुई है. झालावाड़ में 53 लोगों को नावों के जरिए बचाया गया और 49 लोग अभी भी फंसे हुए हैं और राहत कार्य जारी है.
नदियों के जलग्रहण क्षेत्र के पास के कुछ गांव द्वीपों में बदल गए हैं.राजस्थान के बूंदी जिले में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है. इस बीच, कोटा जिले में कुछ लोग अब भी फंसे हुए हैं, जबकि झालावाड़ जिले में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. प्रशासन के लिए राहत की खबर यह है कि मौसम विभाग ने राज्य में भारी बारिश के दौर पर फिलहाल विराम लगने का उम्मीद जताई है.
बूंदी के जिलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी ने बताया कि लखेरी में निचले इलाकों में चार स्थानों पर करीब 300 लोग फंसे हुए हैं. ओडिशा में हाल के दिनों में बाढ़ का कारण बनी अधिकतर नदियों का जल स्तर बुधवार को खतरे के निशान से नीचे दर्ज किया गया, लेकिन 902 गांवों के 6.4 लाख लोग अब भी बाढ़ के पानी के कारण फंसे हैं. आज भी ओडिशा के कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है.