अलगाववादियों पर निशाना साधते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वे संविधान के अनुच्छेद 370 पर गैरजरूरी विवाद उठाते हैं और इसके बजाय उन्हें राज्य की जनता पर और पर्यावरण को बचाने पर ध्यान देना चाहिए.उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अलगाववादियों से बातचीत हालात में सुधार के बाद ही हो सकती है.महबूबा ने अपने अधीन विभागों के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए विधानसभा में कहा, ”मैं हैरान हूं कि (मुस्लिम) उपदेशक अनुच्छेद 370 के बारे में इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.
अनुच्छेद 370 क्या है? इस बारे में बात करने का महत्व तभी है जब हम शांति से रहें.हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से संबंधित संविधान के विशेष प्रावधानों पर विचार करने की जरूरत उपदेशकों को नहीं है बल्कि राज्य की मुख्यधारा के राजनीतिक दलों का यह काम है. फारुक कश्मीर के मुख्य मुस्लिम धर्मगुरू हैं और जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद उपदेश देते हैं.
उन्होंने कहा, ”वे अनुच्छेद 370 को बचाने की क्या बात कर रहे हैं. वे कुछ और देख रहे हैं. इसे हमें (विधायकों) बचाना है. यह हमारी साझा विरासत है और इसमें कुछ नहीं बदलेगा.महबूबा ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरू समाज में महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न पर बात नहीं करते और ना ही वे अपने उपदेशों में पर्यावरण को हो रहे नुकसान का जिक्र करते हैं.
उन्होंने कश्मीर में आई बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा, ”मैं भी मुस्लिम उपदेशकों के परिवार से हूं. हमें पर्यावरण और जलाशयों को बचाने के लिए मेहनत करनी होगी. सालों से हम अपना कचरा झेलम नदी में डालते रहे हैं और उसने बदले में इस कचरे को 10 दिन तक हमारे घरों में वापस भेजा. लेकिन हमने तब भी सबक नहीं सीखा.पीडीपी अध्यक्षा ने भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन पर बार-बार सवाल उठाने पर विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि अगर ऐसे गठजोड़ से राज्य में सम्मान के साथ शांति आती है तो वह हजार बार ऐसे गठबंधन करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘जनादेश का सम्मान करने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया गया. हम एक धर्म की सरकार और दूसरे धर्म का विपक्ष नहीं बना सकते.महबूबा ने कहा कि उन्हें हर बार भाजपा के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन पर जवाब देने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद का फैसला था.