मेघालय का सबसे पुराना स्कूल जो 1897 में आए ‘विनाशकारी भूकंप’ को भी झेल गया था वह विनाशकारी आग में जलकर खाक हो गया। ऐसा माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी है। स्कूल की संचालिका वीएमडी वानबाह ने बताया कि चेरा प्रेस्बिटेरियन माध्यमिक विद्यालय की छह कक्षाएं, एक प्रयोगशाला और एक कार्यालय कक्ष समेत अनगिनत प्राचीन फोटोग्राफ और दस्तावेज आग में जलकर खाक हो गए।
स्कूल की स्थापना 1847 में हुई थी। वानबाह ने आरोप लगाया कि कार्यालय की चौकीदार ने गुरुवार को तड़के करीब दो बजे ही आग लगने की जानकारी दे दी थी लेकिन दमकल वाहन वहां करीब डेढ़ घंटे बाद पहूंचे। जबकी स्कूल एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है।उन्होंने कहा कि जब तक दमकल वाहन वहां पहुंचे तब तक स्कूल की आधे से ज्यादा संपत्ति जलकर खाक हो चुकी थी। बड़ी संख्या में लकड़ी का सामान और तीन कंप्यूटर भी आग में नष्ट हो गए।
वानबाह ने कहा कि 1847 में स्कूल की स्थापना से अभी तक के सभी जरूरी रिकॉर्ड और यहां तक भूमि और कार्यालय के अन्य दस्तावेज भी आग में जल गए।उन्होंने कहा कि स्कूल में पढ़ रहे 200 बच्चों की शिक्षा भी इस हादसे से प्रभावित होगी। वहीं दमकल अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि आग किसी एक कमरे में शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी हो। राज्य की कई प्रख्यात हस्तियों ने इस स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है।