मायावती ने कहा कि ‘मई दिवस’ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने गरीबों और मजदूरों के हित की मीठी और लुभावनी बातें भर की हैं, जिन पर भरोसा करना मुश्किल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार को उत्तर प्रदेश के बलिया में ‘उज्जवला’ कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए खुद को ‘श्रमिक नंबर वन’ कहने को हास्यास्पद बताते हुए मायावती ने कहा, ‘इससे पहले कांग्रेस के नेता भी अपने आपको जनता का सेवक या मुख्य सेवक कहकर जनता को लगातार बरगलाते रहे।’
उन्होंने कहा, ‘अब उन्हीं के नक्श-ए-कदम पर चलकर मोदी भी जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।’ मायावती के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वास्तव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों की सरकारें देश में गरीबों और मजदूरों के नाम पर केवल मुट्ठी भर बडे-बडे पूंजीपतियों और धन्नासेठों का ही भला करती रही हैं और उनसे प्राप्त धन बल के सहारे चुनाव जीतकर सत्ता पर काबिज होती रही हैं और यह किसी से छिपा नहीं है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने केवल चार सरकारी निर्माण स्थलों पर वहां काम करने वाले मजदूरों के लिए दस रुपये में दोपहर के भोजन की व्यवस्था शुरू करने की घोषणा कल की है।मायावती ने कहा, ‘परंतु सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने वाली इस प्रकार की मामूली घोषणाओं और योजनाओं से तथा उनके साथ एक वक्त का खाना खाने से क्या देश और उत्तर प्रदेश के करोड़ों गरीबों, श्रमिकों एवं मजदूरों का पेट भर पाएगा, क्या उनका जीवन स्तर सुधर पाएगा।