मायावती ने हाल में पार्टी छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा और अपने समाज के प्रति गद्दार करार दिया.वहीं मौर्य ने भी पलटवार किया और कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख ने अम्बेडकर और कांशीराम के मिशन के साथ ‘गद्दारी’ की है.मायावती ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘बसपा का इतिहास रहा है कि पार्टी को मौर्य जैसे स्वार्थी और गद्दार जो भी लोग छोड़कर गये हैं वे अकेले गये हैं, उनका समाज नहीं गया. ऐसे लोग कुछ समय बाद राजनीतिक रूप से खत्म हो गये. मौर्य की गलती की सजा उनके समाज को नहीं दी जाएगी और उनकी अब दोबारा पार्टी में कभी वापसी नहीं होगी.
उन्होंने कहा ‘‘मौर्य पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. यह जाति मौर्य के अलावा शाक्य, कुशवाहा और सैनी जाति के नाम से भी जानी जाती है. आज मैं मीडिया के माध्यम से इस समाज के लोगों को बताना चाहती हूं कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा के साथ जो गद्दारी की है, उसकी सजा इस समाज को नहीं दी जाएगी. बसपा में उसे जो सम्मान मिलता रहा है, वह आगे भी मिलता रहेगा.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में जो भी व्यक्ति बसपा छोड़कर गये, वे व्यक्तिगत स्वार्थवश गये हैं. मौर्य अपने साथ अपने परिवार को बसपा से टिकट दिलवाना चाहते थे.उधर, मौर्य ने मायावती के इन गम्भीर आरोपों का करारा जवाब देते हुए कहा कि बाबा साहब डाक्टर भीमराव अम्बेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के मिशन के साथ ‘गद्दारी’ और उसकी ‘हत्या’ करने वाली मायावती विभिन्न चुनावों के लिये पार्टी का टिकट मांगने वाले लोगों से लिये गये धन का ब्यौरा देने के लिये एक श्वेतपत्र जारी करें.
मौर्य ने दावा किया, ‘‘वह मायावती को राजनीति करना सिखा देंगे और उन्हें घुटने टेकने को मजबूर कर देंगे. उनके इस्तीफे से बसपा मुखिया इतनी घबरा गयी हैं कि वह निकाले गये कुछ विधायकों को पार्टी में वापस बुलाकर उनका टिकट बहाल कर रही हैं.मालूम हो कि मौर्य ने गत बुधवार को मायावती पर विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने समेत कई गम्भीर आरोप लगाते हुए बसपा छोड़ने का ऐलान किया था.
मौर्य ने कहा, ‘‘अगर मायावती ने अगर बोलना सीखा होता तो बसपा की यह दुर्दशा नहीं होती. उन्होंने उन्हें जो गद्दार की उपाधि दी है, वह दरअसल खुद मायावती की ही है.उन्होंने कहा कि मायावती ने उन पर अपने बेटे और बेटी के लिये चुनाव का टिकट मांगने का आरोप लगाया है. अगर मांगना ही होता तो वह अपनी बेटी के लिये कोई सुरक्षित सीट मांगते. उसे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैनपुरी से चुनाव ना लड़वाते.
मौर्य ने दावा किया ‘‘जिस दिन मैंने इस्तीफा दिया, बसपा उसी दिन टूट गयी.’’ उन्होंने कहा कि बसपा के अनेक विधायक उनके साथ हैं और वह जल्द ही अपनी ताकत दिखाएंगे.मौर्य ने दावा किया, ‘‘बसपा में सुरक्षित सीटों के टिकट के लिये भी डेढ़ से दो करोड़ रुपये उगाहे जाते हैं और टिकटों का ‘रेट’ डेढ़ से 10 करोड़ रुपये तक होता है.
मायावती अगर श्वेत पत्र जारी नहीं करेंगी तो वह उनके खिलाफ एक-एक करके खुलासा करेंगे. मेरे इस्तीफे से मायावती टूट चुकी हैं.उन्होंने कहा कि ‘‘अयोध्या में रहना है तो राम-राम कहना है, की तर्ज पर अपने नेता के बचाव में उनके सम्मान में अनचाहे हमें ना चाहते हुए भी उनके (मायावती) पक्ष में बयान देना पड़ता था.