चुनावी रैलियों में कोरोना नियमों की उड़ती धज्जियों को लेकर राजनीतिक दल आम जनता के निशाने पर हैं. अब चुनाव आयोग ने भी इस मामले में सख्त रुख अपना लिया है. आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारकों, नेताओं के मास्क नहीं पहनने को लेकर सख्त हिदायत दी है.
चुनाव आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि राजनीतिक दल कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं करेंगे, तो उनकी सार्वजनिक बैठकों और रैलियों पर बैन लगा दिया जाएगा.चुनाव आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त दलों को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले साल COVID-19 को लेकर जारी निर्देशों का गंभीरता से पालन किया जाना चाहिए.
पत्र में आगे कहा गया है COVID-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आयोग ने यह पाया है कि चुनावी बैठकों, प्रचार के दौरान आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क जैसे नियमों की अवहेलना हो रही है.
पत्र में स्टार प्रचारकों, नेताओं या उम्मीदवारों द्वारा कोरोना संबंधी नियमों का पालन नहीं किए जाने का उल्लेख किया गया है. EC ने लिखा है कि प्रचार के दौरान या मंच पर भी मास्क पहनने के नियमों का पालन नहीं हो रहा है, जो पूरी तरह गलत है.
नियमों का उल्लंघन करने वाले नेताओं और उम्मीदवारों के साथ चुनावी सभा में बड़ी संख्या में हिस्सा लेने वाले लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है.चुनाव आयोग ने कहा कि उल्लंघन होने पर वह संबंधित उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों या नेताओं की जनसभाओं, रैलियों पर रोक लगाने से नहीं हिचकिचाएगा.
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव प्रचार के दौरान मास्क पहनने को लेकर दायर एक याचिका पर चुनाव आयोग और केंद्र को नोटिस भेजा था. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी. याचिकाकर्ता ने ऐसे प्रचारकों और प्रत्याशियों को विधानसभा चुनावों में प्रचार से रोकने का अनुरोध किया है, जो COVID गाइडलाइन का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं.