बीरेन सिंह को बनाएगी मणिपुर में बीजेपी मुख्यमंत्री

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि बीरेन सिंह ने गवर्नर नजमा हेपतुल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान उनके साथ 32 विधायक भी थे। बीरेन ने मौजूदा सीएम ओकराम इबोबी सिंह से विवाद के बाद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। बता दें कि हाल में हुए असेंबली इलेक्शन में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।

राज्य की 60 सीटों में से कांग्रेस को 28, बीजेपी को 21 और अदर्स को 11 सीटें मिली हैं। बीजेपी का दावा है कि उसके पास 32 विधायकों का साथ हैं। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से उसे सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।इबोबी सिंह ने सोमवार देर रात इस्ती फा दे दिया।

इससे पहले उन्होंने कहा था राज्य में नई सरकार के गठन के प्रॉसेस का रास्ता बनाने के लिए मंगलवार तक अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।मणिपुर की गवर्नर नजमा हेपतुल्ला ने सोमवार को मीडिया को बताया कि ओकराम इबोबी सिंह ने अब तक उन्हें इस्तीफा नहीं सौंपा है।एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इससे पहले इबोबी सिंह और राज्य के कांग्रेस प्रेसिडेंट टीएन हावकिप ने रविवार रात को गवर्नर से मुलाकात की थी।

इस मीटिंग में गवर्नर ने इबोबी को फौरन इस्तीफा देने को कहा था। इसके बाद भी इबोबी सिंह ने सोमवार शाम तक इस्तीफा नहीं भेजा।उधर, इबोबी सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि हमारे पास बहुमत है।बता दें मणिपुर असेंबली में कुल 60 सीट हैं। सरकार बनाने के लिए 31 एमएलए की जरूरत होती है।

नियमों के मुताबिक, जब तक मौजूदा सीएम अपने पद से इस्तीफा नहीं देता, तब तक अगले सरकार की प्रॉसेस शुरू नहीं हो सकती है।कांग्रेस का कहना है कि वह राज्य में 28 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसलिए उसे सबसे पहले सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। गवर्नर के साथ मीटिंग में इबोबी सिंह ने अपने 28 विधायकों के साथ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गवर्नर का कहना था कि साधारण पेज पर एनपीपी के विधायकों का कांग्रेस को सपोर्ट करने का दावा किया गया। गवर्नर ने इसे लेटर ऑफ सपोर्ट मनाने से इनकार कर दिया। ऐसा कहा जा रहा है कि गवर्नर ने इस मीटिंग में इबोबी से एनपीपी के प्रेसिडेंट या चार विधायकों को अपने साथ लाने की बात कही थी।बीजेपी लीडरशिप के साथ उनके 21, एनपीपी प्रेसिडेंट और उनके चार एमएलए, एक कांग्रेस और एक एलजेपी और एक टीएमएस के एमएलए ने गवर्नर से पहले ही मुलाकात कर चुके हैं।

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