मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उतर गए हैं. उन्होंने और शशि थरूर ने शुक्रवार को पर्चा करेंगे. अध्यक्ष पद की दौड़ से दिग्विजय सिंह ने खुद को बाहर कर लिया है. वह और अशोक गहलोत खड़गे के प्रस्तावक बने.
खड़गे के चुनाव लड़ने से ये बात तो साफ हो चुकी है कि ये गांधी परिवार की च्वॉइस है.वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे खड़गे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ सकते. दिग्विजय सिंह ने कहा, मैंने पूरी जिंदगी कांग्रेस के लिए काम किया है और आगे भी करता रहूंगा.
मैंने कभी भी तीन चीजों से समझौता नहीं किया- दलितों, आदिवासी और गरीबों के लिए खड़ा होना, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ आवाज उठाना और नेहरू-गांधी परिवार के प्रति समर्पण.दिग्विजय ने कहा, खड़गे जी मेरे सीनियर हैं.
मैं कल उनके आवास पर गया था और कहा कि अगर वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर रहे हैं तो मैं नहीं करूंगा. तब उन्होंने कहा कि वो नामांकन नहीं कर रहे हैं. इसके बाद मुझे मीडिया से मालूम चला कि वह इस पद के उम्मीदवार हैं.
मैंने उनसे कहा कि मैं उनके साथ खड़ा हूं और खिलाफ चुनाव लड़ने की सोच भी नहीं सकता. मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा.साफ छवि वाले मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं. वह गांधी परिवार के करीबी भी हैं.
दलित समाज से आने वाले खड़गे के विपक्षी नेताओं से भी अच्छे संबंध हैं. विधायकों की बगावत के बाद वह पर्यवेक्षक बनकर राजस्थान गए थे. हालांकि एक सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो क्या वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे क्योंकि कांग्रेस में एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत है.
इससे पहले सीएम अशोक गहलोत को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए कहा गया था.वहीं अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेताओं ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर एक फैसला लिया है. मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा. गहलोत ने यह भी कहा कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री रहने समेत सभी मामलों पर पार्टी के आदेशों का पालन करेंगे.