राजस्थान में अरावली की श्रृंखलाओं के बीच खंडेला इलाके में वैज्ञानिकों को यूरेनियम के भंडार मिले हैं.यूरेनियम के भंडार की अपार संभावनाओं के मिलने के चलते वैज्ञानिकों ने काम भी शुरू कर दिया है और अभी तक के अनुसंधान में अकेले खंडेले इलाके में करीबन आठ हजार टन यूरेनियम मिलने की संभावना है.1995 में किए गए अनुसंधान के परिणामों के बाद यह तय हो गया था करीबन पांच किलोमीटर के इलाके में आठ हजार टन की जखीरा दबा हुआ है.
दो दशक पहले 1995 में कार्य ने गति पकडी और अनुसंधानों के आधार पर अनेक स्थानों पर ड्रिल करके जांच की गई तो उससे आए परिणामों में रोयल, अगलोई, ढाणी गुमानसिंह, नरसिंहपुरी तथा जहाज मावता में यूरेनियम होने के संकेत मिले.इस जांच के बाद लगातार जांच-परीक्षण किए जा रहे हैं. इलाके में यूरेनियम के अलावा कॉपर मिलने के भी संकेत मिले हैं. परमाणु खनिज निदेशालय के परमाणु ऊर्जा विभाग जयपुर द्वारा लंबे समय से की जा रहे सर्वे एवं अनुसंधानों में काफी सफलता मिली है.
खंडेला के ग्राम रॉयल के पश्चिम में स्थित पहाड़ी क्षेत्र में विभाग की यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने यूरेनियम की उपलब्धता एवं गुणवत्ता की वास्तविक जानकारी के लिए मिट्टी खुदाई का कार्य विधिवत शुरू कर दिया है.अनुसंधानों के आधार पर लगभग 8 हजार टन यूरेनियम मिलना प्रमाणित हो चुका है. इससे 800 मेगावाट बिजली 40 वर्ष तक प्राप्त की जा सकती है. चिन्हित किए गए स्थान से मिट्टी हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है.