केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा एक और विवाद में घिर गए जिसमें उन्होंने कहा कि भारत आने वाले विदेशियों को स्कर्ट पहनने से परहेज करना चाहिए। बाद में मजबूर होकर उन्हें स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।शर्मा ने कहा कि उनकी टिप्पणी परामर्श की प्रकृति की थी और उन पर्यटकों के लिए थी जो धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं।
आगरा में रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा था, अपनी सुरक्षा के लिए महिला विदेशी पर्यटकों को छोटे कपड़े और स्कर्ट नहीं पहनने चाहिए। भारतीय संस्कृति पाश्चात्य संस्कृति से अलग है। इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे ‘सर्वाधिक असभ्य बयान’ करार दिया और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह बयान बेहद डरावनी और निराशाजनक सोच को दर्शाता है।
अपने बयान को स्पष्ट करते हुए शर्मा ने कहा, यह अलग संस्कृतियों, अलग-अलग खान-पान की आदतों और अलग-अलग पहनावे का देश है, जो हर 100 किलोमीटर पर बदलता है। अतिथि देवो भव की हमारी परंपरा है। इस तरह का प्रतिबंध अकल्पनीय है। मैंने धार्मिक स्थलों पर जाने के दौरान परामर्श के तौर पर यह कहा। यथा जब हम गुरुद्वारा जाते हैं तो हम अपना सिर ढंक लेते हैं, जब हम मंदिर जाते हैं तो अपने जूते उतार लेते हैं।
उन्होंने कहा, मैं (दो) बेटियों का पिता हूं। मैंने यह नहीं कहा कि किसी व्यक्ति को क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं और न ही मैं ऐसा कहने को अधिकृत हूं। जब वे धार्मिक स्थल की यात्रा करते हैं तो मैंने इसे सिर्फ परामर्श के तौर पर कहा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शर्मा पर निशाना साधा।