700 करोड़ के सृजन घोटाले के आरोपी महेश मंडल की रविवार शाम मौत हो गई. महेश किडनी और कैंसर की बीमारी का इलाज करा रहे थे. महेश की गिरफ्तारी पिछले भागलपुर से हुई थी, हालांकि गिरफ्तारी के बाद भी उनका इलाज एक अस्पताल में चल रहा था. परिवारवालों का आरोप है कि महेश की मौत जेल और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है.
महेश ज़िला कल्याण विभाग में नाजिर थे और इस घोटाले के सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. अपनी गिरफ्तारी के बाद महेश ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था वह काफी चौंकाने वाला था. उनके गांव में डेढ़ एकड़ का विशाल घर मिला था, जिसकी चर्चा है कि हर कमरा न केवल वातानूकुलित है, बल्कि बाथरूम में भी एयरकंडीशन लगा है.
महेश का बेटा शिव मंडल जनता दल यूनाइटेड का भागलपुर इकाई का युवा विंग का अध्यक्ष था और इस मामले के प्रकाश में आने के बाद उसे भी पार्टी से बाहर कर दिया गया.शिव जिला परिषद का सदस्य है और अपने साथ पूछताछ में महेश ने माना था कि जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने करीब 3 करोड़ ख़र्च किया, लेकिन वह अपने बेटे को चुनाव में जीत नहीं दिला सके.
इस बीच भागलपुर पुलिस ने रविवार को आरोपी और अब भाजपा से निलंबित नेता विपिन शर्मा समेत कई लोगों के यहां छापेमारी की. इनमें से अधिकांश इन आरोपियों के सृजन की काली कमाई से शुरू किए गए व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं.