महाराष्ट्र में किसानों ने किया 4 लाख लीटर दूध का नुकसान

महाराष्ट्र में किसानों की हड़ताल के दूसरे दिन कई मंडियों के सौदे बंद हैं, तो राज्य में आंदोलन बरकरार है. कर्जमुक्ति की प्रमुख मांग को लेकर किसान यह आंदोलन कर रहे हैं. किसान आंदोलन में जारी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने अलग-अलग इलाकों में धारा 144 लागू की. ये इलाके नासिक और अहमदनगर जिले में प्रमुखता से हैं.

नासिक में कुछ किसानों को हिरासत में भी लिया गया है. गुरुवार को शुरू हुआ आंदोलन अब विदर्भ में भी फैलता दिख रहा है. कई हिस्सों में किसानों ने कृषि उत्पादों को सड़क पर फेंक दिया. बुलडाणा में किसानों ने दूध से होली खेली. यह दूध डेयरी को जाना था.

आंदोलनकारियों ने गुरुवार को प्रमुखता से यह कोशिश की कि मुम्बई, पुणे को होने वाली कृषि उत्पाद की आपूर्ति रोक दी जाए, जिसका असर शुक्रवार को दिख रहा है. एशिया की सबसे बड़ी नवी मुंबई मंडी में केवल 146 गाड़ियां सब्जी-फल ले कर पहुंची हैं, जबकि पुणे में दूध संकलन 50 फीसदी घट गया है. 

इस बीच, सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए सरकार से मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा है, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कह चुके हैं कि सरकार किसानों से बात करने के लिए तैयार है.

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