मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन में शिवसेना के बड़े भाई के दावे पर पलटवार किया। फडणवीस ने कहा हम शिवसेना से गठबंधन चाहते हैं, लेकिन भाजपा इसके लिए बेताब नहीं है।इससे पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना गठबंधन के पुराने स्टैंड पर कायम है।
हम महाराष्ट्र में बिग ब्रदर हैं, हम बिग ब्रदर थे और बिग ब्रदर रहेंगे।राउत के बयान पर फडणवीस ने कहा भाजपा असहाय नहीं है। हम देश के विकास के लिए गठबंधन चाहते है। हम नहीं चाहते कि सत्ता एक बार फिर उन हाथों में जाए, जिन्होंने देश को लंबे समय तक लूटा है। भाजपा ही वह पार्टी है जो 2 सांसदों से 200 के पार पहुंची है।
जलना में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा हम हिंदुत्व के संरक्षक और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन चाहते हैं।संजय राउत ने कहा हमने राफेल और महाराष्ट्र में सूखे के मुद्दे पर मंथन किया।
उद्धव जी ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण में आठ लाख रुपए सालाना की आय सीमा होने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें इनकम टैक्स से राहत मिलनी चाहिए क्योंकि आप ने ही (मोदी सरकार) उन्हें गरीब बताया है।
पिछले साल दशहरा रैली के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम अब कोई भी चुनाव भाजपा के साथ नहीं लड़ेंगे। इसके बाद शिवसेना लगातार भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर हमलावर रही है। लेकिन कुछ दिनों पहले देवेंद्र फडणवीस सरकार ने ठाकरे स्मारक के लिए 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा कर शिवसेना को फिर अपने पाले में लाने का प्रयास शुरू कर दिया।
भाजपा-शिवसेना ने 2014 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। इसके बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, जिसमें भाजपा को 122 और शिवसेना को मात्र 63 सीटें मिलीं। बाद में शिवसेना ने भाजपा का समर्थन किया और महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना की सरकार बनी।
शिवसेना और भाजपा के बीच 1989 में गठबंधन हुआ था। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन टूट गया था। नतीजे आने के बाद दोनों में दोबारा गठबंधन हो गया।