दिग्विजय सिंह ने सिसायत से 6 महीने का ब्रेक लिया है। इस दौरान वो 3300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा करेंगे। दिग्विजय ने राहुल गांधी से छुट्टी मंजूर करा ली है। इस दौरान दिग्विजय पार्टी जनरल सेक्रेटरी तो रहेंगे लेकिन उनके पास किसी राज्य का चार्ज नहीं होगा। 3300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा पूरी करने में दिग्विजय को 6 महीने लगेंगे।
कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी के मुताबिक- यह पूरी तरह से आध्यात्मिक यात्रा बता होगी।दिग्विजय भले ही नर्मदा परिक्रमा को सियासत से दूर बता रहे हों लेकिन ये भी सही है कि वो दो राज्यों से गुजरेंगे और इन दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।मध्य प्रदेश में अगले साल के आखिर में असेंबली इलेक्शन होने हैं जबकि गुजरात में ये इसी साल होने हैं।
नर्मदा परिक्रमा के दौरान 3300 किलोमीटर का सफर करना होता है। इसमें मध्य प्रदेश की 110 जबकि गुजरात की 20 सीटें आती हैं। लिहाजा, दिग्विजय की इस यात्रा को सियासी नजर से भी देखा जा रहा है।कांग्रेस के पूर्व स्पोक्सपर्सन केके. मिश्रा ने बताया- दिग्विजय सिंह 30 सितंबर को नर्मदा परिक्रमा शुरू करेंगे। वो झोतेश्वर से नरसिंहपुर के बरमान खुर्द कार से जाएंगे।
यहां पूजा के बाद दोपहर 3 बजे पैदल परिक्रमा पूरी करेंगे।हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हो सका है कि दिग्विजय पूरी यात्रा पैदल ही करेंगे या फिर कुछ रास्ता कार से भी तय करेंगे।अप्रैल के आखिर में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को गोवा और कर्नाटक की इंचार्ज पोस्ट से हटा दिया था।
गोवा असेंबली इलेक्शन में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी लेकिन सरकार वहां बीजेपी ने बनाई।
बीजेपी ने मनोहर पर्रिकर को वहां सीएम बनाया था। वो इसके पहले केंद्र में डिफेंस मिनिस्टर थे।कांग्रेस के कुछ विधायकों ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार बनाने के काम में तेजी नहीं दिखाई। गोवा में कांग्रेस ने 17 सीटें जीती थीं। सरकार बनाने के लिए उसे 4 और विधायकों के समर्थन की जरूरत थी।
कांग्रेस के विधायकों का आरोप था कि दिग्विजय समझदारी से काम लेते तो 13 सीटों वाली बीजेपी गोवा में फिर सरकार नहीं बना सकती थी।गोवा इंचार्ज पोस्ट से हटाए जाने के बाद दिग्विजय ने कहा था- मुझे खुशी है कि आखिरकार राहुल जी अपनी टीम चुन रहे हैं।