लखनऊ के सरकारी हॉस्पिटल में आग लगने से 5 मरीजों की मौत

किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर के डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड में शनिवार शाम आग लग गई। हॉस्पिटल से दूसरी जगह शिफ्ट किए जा मरीजों में से पांच की मौत हो गई। इनमें से एक नवजात भी है। हालांकि हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने इससे इनकार किया है। उधर, योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच का ऑर्डर दे दिया है। उन्होंने रविवार सुबह हॉस्पिटल पहुंचकर हालात का जायजा भी लिया।

डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि आग हॉस्पिटल के दूसरे-तीसरे फ्लोर पर लगीमाना जा रहा है कि एयरकंडीशर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी।आग और धुआं उठता देख हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच गई। कई मरीज वॉर्ड से निकलकर गिरते-पड़ते भागे।

 

करीब 150 मरीजों को 8 अलग-अलग सरकारी हॉस्प‍िटल में भर्ती कराया गया।बताया जा रहा है कि मरीजों की शिफ्टिंग के दौरान 5 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि इतने बड़े हॉस्पिटल में हर दिन कुछ मौतें होती हैं। हादसे से इनका संबंध नहीं है।

बताया जाता है हादसे के वक्त ट्रॉमा सेंटर में करीब 300 मरीज भर्ती थे, इनमें से 37 वेंटिलेटर पर थे। 100 से ज्यादा मरीज को शताब्दी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है। वहीं, ट्रॉमा सेटर की पार्किंग में नॉर्मल मरीजों के बेड शिफ्ट किए गए हैं। कुछ मरीजों को गांधी वार्ड और कई प्राइवेट यूनिट में शिफ्ट किया गया है।

फायर ब्रिगेड की करीब 15-20 गाड़ियों की मदद से इसे देर रात बुझाया जा सका। हॉस्पिटल की कई मशीनें और इक्युपमेंट्स आग में जल गए हैं।हादसे की खबर लगते ही कलेक्टर कौशल राज शर्मा और एसएसपी दीपक कुमार समेत कई बड़े अफसर मौके पर पहुंच गए।केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हर मुमकिन मदद का भरोसा दिलाया है।

सीएम ने कमिश्नर को इस घटना की 3 दिन में जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।केजीएमयू में पहले भी कई बार आग लग चुकी है। फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट की लैब में मई में आग लगी थी। तब भी एयर कंडीशनर में शॉर्ट-सर्किट से आग लगने की आशंका जाहिर की गई थी।
इसके अलावा यहां के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट, पैथोलॉजी, पैराप्लीजिया डिपार्टमेंट और कुछ वार्ड्स में भी आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने इससे कोई सबक नहीं लिया। 

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