सरकार ने आज से कोरोना वायरस के संक्रमण मुक्त इलाकों में सीमित छूट देने की बात कही है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है.
इसी बीच, कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन में कोई छूट नहीं देने का फैसला किया है. थोड़ी बहुत भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है. लोग जानना चाहते हैं कि 20 अप्रैल से क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा.
क्या ऑनलाइन ऑर्डर देकर कोई सामान मंगवाया जा सकता है? या फिर ऑनलाइन फूड डिलीवरी जारी रहेगी या बंद रहेगी. ऐसे तमात सवालों के जवाब आप एक नजर में यहां जान सकते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ कहा है कि कोरोना के संक्रमण से मुक्त रहे इलाकों में लॉकडाउन के नियमों में सीमित छूट दी जाएगी. लेकिन यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव वाले हॉटस्पॉट जिलों में तीन मई तक कोई छूट नहीं मिलेगी.
इन जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाया जाएगा. हॉटस्पॉट से आशय उन इलाकों से है जिनमें संक्रमण के काफी अधिक मामले पाए गए या जिनमें संक्रमण के मामले चार दिन में दोगुना होने की दर पाई गई हो.
संक्रमण मुक्त क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कृषि संबंधी गतिविधियों की छूट दी जाएगी. इन इलाकों में विभिन्न गतिविधियों की आंशिक छूट मिलेगी, उन क्षेत्रों में यात्रा सेवाए, शैक्षिक संस्थान, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां पहले की तरह ही तीन मई तक प्रतिबंधित होंगी.
सिनेमा तथा मॉल सहित आवश्यक सेवाओं से इतर अन्य सेवाओं से जुड़े सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे.आईटी और आईटीईएस क्षेत्र को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होने इजाजत दी जाएगी.
स्वरोजगार वाले इलेक्ट्रेशियन, सूचना प्रौद्योगिकी मरम्मत, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, बढ़ई को भी लोगों के लिये सेवा उपलब्ध करने की इजाजत होगी. राजमार्गों के किनारे स्थित ढाबा, ट्रक मरम्मत दुकानें और सरकारी गतिविधियों के लिये कॉल सेंटर भी 20 अप्रैल से खुलेंगे.
गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए एयर कंडीशनर्स, एयर कूलर, पंखों की बिक्री तथा उनकी मरम्मत की दुकानों को भी आवश्यक सामान या सेवाओं के दायरे में लाया गया है तथा उन्हें खुलने और काम करने की अनुमति दी गई है.
सरकार ने रविवार को यू-टर्न लेते हुए लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी. गौरतलब है कि चार दिन पहले ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और रेडीमेड परिधान आदि की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब इस छूट को वापस ले लिया गया है.
15 अप्रैल को जारी आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर-जरूरी सामान की बिक्री की अनुमति दी गई थी. ई-कॉमर्स कंपनियों ने आर्डर लेने शुरू कर दिए थे लेकिन फैसला वापस ले लिया गया क्योंकि ऐसा महसूस हुआ कि सामानों की सूची बहुत व्यापक है और इससे कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लागू पाबंदियों पर असर पड़ सकता है.
जहां तक ऑनलाइन फूड डिलीवरी का सवाल है तो हर राज्य अपने यहां कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए निर्णय ले रहे हैं. फूड डिलीवरी आवश्यक सेवा के अंतर्गत आती है. तेलंगाना में इस पर प्रतिबंध लगाए जाने की खबर है.
दिल्ली में लॉकडाउन की शर्तों में कोई छूट नहीं है. महाराष्ट्र में ग्रीन-ऑरेंज ज़ोन में कल से उद्योगों को थोड़ी ढील दी गई है. कृषि और ज़रूरी चीज़ों पर प्रतिबंध नहीं है.
पंजाब सरकार ने रविवार को कहा कि वह तीन मई तक गेंहू की खरीद को छोड़कर कर्फ्यू में और कोई छूट नहीं देगी. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कोरोना वायरस महामारी के कारण उभरे हालात को लेकर प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर वर्तमान स्थिति का जायजा लेने के बाद यह घोषणा की.
सिंह तीन मई को फिर से हालात का जायजा लेंगे. इस फैसले के साथ ही 20 अप्रैल से दी गई सभी तरह की छूट को वापस ले लिया गया है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में जारी लॉकडाउन को सात मई तक बढ़ाए जाने की रविवार को घोषणा की.
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में लॉकडाउन को सख्त तरीके से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सोमवार से राज्य में फूड डिलीवरी ऐप के संचालन की अनुमति नहीं होगी.
कर्नाटक सरकार ने गृह मंत्रालय द्वारा लागू लॉकडाउन को 21 अप्रैल मध्यरात्रि तक बढ़ाने के लिए रविवार को नए आदेश जारी किए सूत्रों ने कहा कि सरकार 21 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में छूट देने पर विचार कर रही है और सोमवार को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसपर चर्चा हो सकती है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार कम से कम एक सप्ताह तक लॉकडाउन में कोई छूट नहीं देगी क्योंकि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
हालांकि, केजरीवाल ने लोगों को आश्वासन दिया कि स्थिति नियंत्रण में है और सरकार एक हफ्ते बाद फिर से स्थिति का आकलन करेगी और देखेगी कि क्या छूट दी जा सकती है.
दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक सरकार 27 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करेगी.राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि सोमवार से शुरू होने वाले संशोधित लॉकडाउन का यह कतई मतलब नहीं है कि लोग घरों से बाहर निकल सकते हैं.
उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के अतिरिक्त कोई बाहर निकला तो कार्रवाई होगी. गहलोत ने कहा संशोधित लॉकडाउन में नगरपालिका के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग शुरू हो सकेंगे तथा शहरी क्षेत्रों में उन्हीं उद्योगों को सीमित छूट दी गई है.
जिनमें श्रमिकों को फैक्ट्री में रखने की उचित व्यवस्था उपलब्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक सेवाओं के लिए पूर्व में जो पास जारी किए गए हैं, वे आगे भी मान्य होंगे. नए ई-पास ऑनलाइन बनाए जाएंगे.