पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ सीखें कांग्रेस प्रेसिडेंट : अरुण जेटली

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018-19 पर डिबेट के दौरान सवालों के जवाब दिए। वित्त मंत्री ने बजट में मिडिल क्लास को राहत, किसानों और रोजगार के लिए उठाए गए कदमों, देश की मौजूदा वित्तीय स्थिति, जीएसटी और आधार जैसे मुद्दों पर बात की। इस दौरान राफेल डील की डिटेल के सवाल पर जेटली ने कहा कांग्रेस इसे (राफेल डील की डिटेल) को जनता के बीच मुद्दा बनाकर गंभीर रूप से देशकी सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है।

कांग्रेस प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी के पास जाकर राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ सीखें। इसके बाद कांग्रेस समेत दूसरी अपोजिशन पार्टियों ने हंगामा शुरू कर दिया और लोकसभा स्थगित कर दी गई।अरुण जेटली ने कहा मोइली साहब (वीरप्पा मोइली) जब आपकी सरकार थी, तब आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और इसलिए अब आप ये कोशिश कर रहे हैं कि करप्शन के आरोप बनाकर NDA पर लगाए जाएं।

जब आपको कुछ नहीं मिला तो आपने कहा कि कृपया राफेल डील का प्राइज बता दीजिए।वित्त मंत्री बोले मेरे हाथ में कुछ डॉक्युमेंट हैं, जिनमें सदन में यूपीए सरकार ने जो जवाब दिए थे. उनका जिक्र है। जब प्रणब मुखर्जी डिफेंस मिनिस्टर थे, जब एके एंटनी डिफेंस मिनिस्टर थे। 14 दिसंबर 2005 को मैंने एक सवाल पूछा था कि हमें अमेरिका से खरीदे गए फाइटिंग वेपन सिस्टम की डिटेल और कॉस्ट के बारे में बताइए।

तब प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि आर्म्स और वेपन सिस्टम पर किए गए खर्च की डिटेल गोपनीय होती है और ये राष्ट्रहित में नहीं है कि उसे सदन में रखा जाए।अब कल आप पूछेंगे कि आप इस देश से मिसाइल खरीद रहे हैं, आप कॉस्ट का ब्रेकअप बताइए। ऐसे में कॉस्ट का ब्रेकअप आपको बता देगा कि मिसाइल में कौन सा वेपन सिस्टम लगा है, उसकी खूबियां क्या हैं। ये भारत की सुरक्षा के हित में है कि उस प्राइस को कभी जाहिर ना किया जाए, ये एक रेस्पॉन्सिबल गवर्नेंस है।

मोइली साहब आप इस देश के लॉ मिनिस्टर रहे हैं, आप जानते हैं कि जब आप प्राइस की स्पेसिफिक डिटेल बताते हैं तो आप उस वेपन सिस्टम की डिटेल दे रहे होते हैं और उनकी क्षमता के बारे में बता रहे होते हैं, जो आप दुश्मन को नहीं बताना चाहते। यूपीए के वक्त हमें 15 बार ऐसे जवाब मिले, जब हथियारों की खरीद की डिटेल बताने को राष्ट्रहित में नहीं बताया गया। मोइली जी अपने प्रेसिडेंट (राहुल गांधी) से कहिए कि वे प्रणब मुखर्जी के पास जाएं और राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ सीखें।

अब जब आप पर हर तरफ से करप्शन के आरोप लग रहे हैं और मोदी जी पिछले 4 साल से एक साफ सरकार चला रहे हैं तो आप समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं, मुद्दे बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा ही बनाया गया मुद्दा है कि हमें राफेल डील की डिटेल बताइए। मेरा आरोप है कि इसे (राफेल डील) को जनता के बीच मुद्दा बनाकर ये भारत की सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा राफेल डील में कुछ तो जरूर है, जो मोदी जी मेरे सवाला का जवाब नहीं दे रहे हैं। इसमें कुछ संशय पैदा करने वाला है। ये साफ है कि प्रधानमंत्री मूलभूत सवालों का जवाब देने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। पहले निर्मला सीतारमण जी ने कहा कि वे देश को राफेल एयरक्राफ्ट की खरीद की जानकारी देंगी और अब वे कह रही हैं कि नहीं बता सकती हैं, क्योंकि ये गोपनीय है। इन दोनों में से उनका कौन सा बयान सही है।

23 सितंबर, 2016 को फ्रांस के रक्षामंत्री ज्यां ईव द्रियां और भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने नई दिल्ली में राफेल सौदे पर साइन किए थे। डील के तहत 36 राफेल फाइटर जेट विमान मिलने हैं। पहला एयरक्राफ्ट सितंबर 2019 तक मिलने की उम्मीद है और बाकी बीच-बीच में 2022 तक मिलने की उम्मीद है।

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