दिल्ली में एम्स में इलाज के लिए रवाना होने से पहले लालू यादव ने बिहार की नीतीश सरकार पर हमला बोला है. लालू ने कहा कि नीतीश सरकार का शासनकाल खत्म होने का समय हो गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में हो रही हिंसक घटनाओं से साफ जाहिर है कि बीजेपी पूरे प्रदेश में आग लगाना चाहती है.
लालू के दिल्ली आने के बारे में जानकारी देते गुए राजद नेता भोला प्रसाद ने कहा कि वह प्लेन से नहीं बल्कि ट्रेन से दिल्ली पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से लालू को प्लेन से दिल्ली लाने की इजाजत नहीं दी गई, जिसके कारण उन्हें ट्रेन से सफर करना पड़ रहा है.
बता दें कि लालू को स्वास्थ्य संबंधी शिकायत पर 17 मार्च को राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस( रिम्स) में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद भी जब लालू की सेहत में किसी तरह का सुधार देखने को नहीं मिला तो डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली जाने की सलाह दी है.
रिम्स में मेडिकल बोर्ड ने बुधवार को लालू यादव के स्वास्थ्य को सामान्य बताते हुए उनका मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया. लालू यादव मेडिकल बुलेटिन में बताया गया.बता दें कि लालू यादव चारा घोटाल में सजा काट रहे हैं. चारा घोटाला में पहली बार 1996 में मामला दर्ज किया गया था.
उस समय मामले में लालू यादव सहित 49 आरोपी थे. मुकदमे के दौरान 14 की मौत हो गई, जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. साल 2013 में लालू यादव को सबसे पहले चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का दोषी करार दिया गया था और कोर्ट ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी.
24 जनवरी 2018 को लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्र सहित 50 आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से 35 करोड़, 62 लाख रुपये का गबन करने के मामले में दोषी करार दिया. कोर्ट ने पांच साल की सजा के साथ ही लालू पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
6 जनवरी 2018 को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला में देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने लालू पर दस लाख का जुर्माना भी लगाया. इस फैसले के बाद से ही लालू यादव बिरसा मुंडा जेल में बंद है.
चारा घोटाला के दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को दोषी करारा देते हुए सबसे बड़ी सजा सुनाई गई. उन्हें अलग-अलग धाराओं के तहत 7-7 साल की दो सजा सुनाई गई. साथ ही दोनों धाराओं में उन पर 30-30 लाख का जुर्माना भी लगाया गया.