डेविड कोलमैन हेडली ने गवाही के चौथे दिन बताया कि मुंबई एयरपोर्ट को हमले का ठिकाना न बनाए जाने से मेजर इकबाल खफा था। पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली ने आज यहां अदालत को बताया कि आईएसआई और लश्कर 26/11 आतंकवादी हमलों के दौरान मुंबई हवाईअड्डे और नौसेना स्टेशन को निशाना बनाना चाहते थे और उसने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) की वीडियोग्राफी की थी और उसे वहां के किसी ऐसे व्यक्ति को भर्ती करने को कहा गया था जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर सके।
हेडली ने अमेरिका से वीडियो लिंक के जरिए गवाही देते हुए अदालत को बताया कि वह शिवसेना के किसी सदस्य के साथ निकट संबंध विकसित करना चाहता था क्योंकि उसे लगा था कि लश्कर की भविष्य में सेना भवन पर हमला करने या उसके प्रमुख की हत्या करने में रचि होगी।हेडली ने कहा, ‘मैंने हमले के लक्ष्य के तौर पर जिन स्थानों की रेकी की थी, उनमें से कुछ स्थानों को लेकर मेजर इकबाल ने असहमति जाहिर की थी।
मुझे लगा कि मेजर इकबाल इसलिए नाखुश थे क्योंकि मुंबई हवाईअड्डे को नहीं चुना गया था और 26/11 हमलों के लक्ष्य के रूप में उसे शामिल नहीं किया गया था।’’ एक अन्य खुलासे में हेडली ने कहा कि उसने जुलाई 2008 में मुंबई के ट्रॉम्बे स्थित बीएआरसी की वीडियोग्राफी की थी और लश्कर ने उससे कहा था कि वह बीएआरसी के किसी कर्मचारी को भर्ती करे, जो आईएसआई के लिए काम कर सके।
हेडली ने कहा कि उसने वह वीडियो साजिद मीर और मेजर इकबाल को दे दी थी। उसने कहा, ‘मैंने बीएआरसी का दौरा और वहां की वीडियोग्राफी भी की थी। मेजर इकबाल ने मुझसे कहा था कि भविष्य में मुझे बीएआरसी के किसी कर्मचारी को भर्ती करना चाहिए, जो हमें गोपनीय जानकारी दे सके और जो आईएसआई के लिए काम करने को तैयार हो।’
26/11 के मुंबई हमलों के मामले में हाल ही में सरकारी गवाह बने 55 वर्षीय हेडली ने आगे खुलासे करते हुए कहा कि मुंबई की रेकी करने के बाद उसने पाकिस्तान में मेजर इकबाल और लश्कर के नेता जकी-उर-रहमान लखवी, साजिद मीर, अबु खफा एवं अब्दुल रहमान पाशा के साथ कई बैठकें की थीं।हेडली ने कहा कि 26/11 हमलों से पहले जुलाई 2008 में उसके मुंबई के अंतिम दौरे के दौरान, उसने दक्षिण मुंबई स्थित चबाद हाउस का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी की थी।
उसने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि वहां कौन रह रहा था। साजिद मीर और पाशा ने मुझे इस स्थान का सर्वेक्षण करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि यह एक अंतरराष्ट्रीय ठिकाना है क्योंकि वहां यहूदी और इस्राइली लोग रहते हैं।’ हेडली ने कहा कि उसने नौसैन्य वायु स्टेशन और सिद्धिविनायक मंदिर को हमले के लक्ष्य के तौर पर शामिल न करने के लिए कहा था।