जम्मू-कश्मीर के नए उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही विवाद में घिर गए हैं। उन्होंने कठुआ गैंगरेप और मर्डर को छोटी बात करार दिया। दरअसल, उन्होंने यह बात राज्य में शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कही। इससे पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा-पीडीपी सरकार इस बात को लेकर भ्रमित है कि कठुआ गैंगरेप मामले में क्या स्टैंड लेना है।
बता दें कि महबूबा सरकार के मंत्रिमंडल में सोमवार को फेरबदल किया।कविंद्र गुप्ता ने कहा मेरी बात का गलत मतलब निकाला गया है। कठुआ का मामला विचाराधीन है। अब उस पर सुप्रीम कोर्ट तय करेगा, बार-बार उस मुद्दे को छेड़ना ठीक नहीं है। मैंने यह कहा कि इस तरह के मामले काफी हैं, जानबूझकर इसको भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
बता दें कि गुप्ता तीन बार (2005 और 2010 के बीच) जम्मू के मेयर रह चुके हैं। पहली बार 2014 में गांधीनगर से विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा का स्पीकर बनाया गया था।वे पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सुंजवान कैंप में रहने रोहिंग्या मुसलमान आतंकी गतिविधियों से जुड़े हैं। हालांकि, बाद में वे इस बयान से पलट गए थे।
उमर ने ये बात जम्मू-कश्मीर कैबिनेट में बदलाव के बाद कही। नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर ने सोमवार को ट्वीट किया आरोपियों के समर्थन में हुई रैली में शामिल दो भाजपा मंत्रियों को हटा दिया। एक विधायक जिसके बारे में कहा जा रहा था कि वो भी रैली में शामिल था, उसे मंत्री बना दिया। भाजपा और महबूबा मुफ्ती ये क्यों नहीं तय कर पा रहे हैं कि कठुआ गैंगरेप पर क्या स्टैंड लेना है?
कैबिनेट फेरबदल में कठुआ से भाजपा विधायक राजीव जसरोतिया को मंत्री बनाया गया। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि कठुआ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में हुई रैली में जसरोतिया भी शामिल हुए थे। उन्हें मंत्री बनाने पर नेशनल कांन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर सरकार पर तंज कसा।पार्टी के महासचिव अली मोहम्मद सगर ने कहा कि कैबिनेट फेरबदल केवल जनता का ध्यान भटकाने के लिए है।
पीडीपी-भाजपा सरकार ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया है।17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर कैबिनेट में शामिल 9 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, भाजपा ने कहा था कि नए चेहरों को कैबिनेट में जगह देने के लिए इस्तीफे हुए हैं और पीडीपी को समर्थन जारी रहेगा।कठुआ में बच्ची के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद दो मंत्रियों उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा और वन मंत्री लाल सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।
इन दोनों पर कथित रूप से कठुआ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में निकाली गई रैली में शामिल होने का आरोप था। दोनों मंत्रियों ने महबूबा मुफ्ती को अपना इस्तीफा सौंपा था, जो उन्होंने मंजूर कर लिया था।हालांकि, भाजपा नेता राम माधव ने साफ किया था कि ये मंत्री रैली के समर्थन में नहीं, बल्कि उसमें शामिल लोगों को समझाने और हालात को संभालने के लिए गए थे।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 10 जनवरी को अल्पसंख्यक समुदाय की एक 8 साल की बच्ची को अगवा किया गया। उसे रासना गांव के एक मंदिर में बंधक बनाकर गैंगरेप किया गया। बाद में उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई। फिर पत्थर से सिर कुचल दिया गया। 17 जनवरी को उसका शव मिला।
मंदिर का सेवादार सांझी राम, उसका बेटा विशाल, सांझी राम का भतीजा, सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और स्थानीय नागरिक प्रवेश कुमार। इन सभी पर रेप, हत्या और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है।