यूपी कासगंज हिंसा में अब तक123 लोग गिरफ्तार

यूपी के कासगंज जिले में हिंसा का असर अभी भी बरकरार है। 6 अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। कुल 123 की गिरफ्तारी हो चुकी है। चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में नामजद 20 में से 11 अरेस्ट हो गए हैं। हत्याकांड में मुख्य आरोपी तीन सगे भाई नसीम, वसीम और सलीम वर्की अभी भी फरार हैं। पुलिस ने तीनों का फोटो जारी किया है।

इस बीच बरेली के कलेक्टर आर. विक्रम सिंह ने फेसबुक पर एक विवादास्पद पोस्ट में मुस्लिम मोहल्लों में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाकर जुलूस निकालने पर सवाल उठाए। हालांकि बाद में उन्होंने यह पोस्ट डिलीट कर दी।उन्होंने लिखा था अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ।

क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ। मुकदमे लिखे गए।कलेक्टर ने यह पोस्ट कासगंज हिंसा के दो दिन बाद 28 जनवरी की शाम को की थी।पोस्ट के विवादित होने के बाद कलेक्टर ने एक और कमेंट किया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा चीन तो बड़ा दुश्मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्यों नहीं?

हालांकि, मामला गरमाया तो उन्होंने अपनी ये दोनों पोस्ट डिलीट कर दी हैं। साथ ही एक नई पोस्ट की है, जिसमें लिखा है- सुना है चाय की प्याली में तूफान आया है।अलीगढ़ रेंज के आईजी संजीव गुप्ता ने कहा कि कासगंज मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है।

प्रशासन की इजाजत के बगैर ऐसी यात्राएं निकालने से समस्याएं होती हैं। मैंने अपनी तकलीफों को पोस्ट किया है। ये मेरे निजी विचार हैं।राघवेंद्र विक्रम सिंह सेना में अफसर रहे हैं वो इसी साल 30 अप्रैल को रिटायर होने वाले हैं।बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कासगंज में पाकिस्तान सपोर्टर्स आ चुके हैं। वे केवल पाकिस्तान के झंडे का ही सम्मान करते हैं और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं।

ये लोग हमारे कार्यकर्ताओं को मारे रहे हैं। इनसे सख्ती से निपटने चाहिए।जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकियों के साथ मिलकर काम नहीं करना चाहिए। हमें तो ये भी नहीं पता कि जो शोपियां में मारे गए वे आम लोग थे भी या नहीं। वहां रोज आतंकी घटनाएं हो रही हैं।कासगंज हिंसा के दौरान हुई गोलीबारी में चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी।

इसके अलावा एक अन्य युवक राहुल उपाध्याय के मारे जाने की बात भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। अब खुद राहुल ने सामने आकर इस खबर का खंडन किया है।राहुल ने बताया कि दंगों के वक्त वह काजगंज में नहीं था, बल्कि अपने गांव गया था।कासगंज के डीएम आरपी सिंह ने सभी स्कूल और कॉलेजों को खोलने के आदेश दिया है। 

वहीं, मंगलवार को कासगंज में रात में दबिश के दौरान निर्दोष बच्चों को उठाने के विरोध में कुछ महिलाओं ने मृतक चंदन के परिजन के साथ प्रदर्शन किया। यहां अभी भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।सोमवार रात मालगोदाम रोड स्थित दुकान में आग लगने से एक बार फिर तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की गई और मंगलवार को अमनपुर इलाके में स्थित धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ की घटना सामने आ गई।

26 जनवरी को कासगंज जिले के कोतवाली इलाके में बिलराम गेट चौराहे पर तिरंगा यात्रा के तहत विश्व हिंदू परिषद और एबीवीपी के कार्यकर्ता बाइक से रैली निकाल रहे थे।इस दौरान नारेबाजी को लेकर समुदाय विशेष के लोगों से बहस हो गई। तकरार में दोनों तरफ से फायरिंग, पत्थरबाजी हुई, जिसमें तिरंगा यात्रा में शामिल एक युवक चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई।

दूसरे पक्ष के एक शख्स को भी गोली लगी थी।इसके बाद यहां तोड़फोर्ड और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा में मारे गए युवक के परिवार वालों को 20 लाख रुपए मुआवजा देने का एलान किया था।

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