कर्नाटक चुनाव में की पीएम मोदी ने 21 रैलियां

कर्नाटक में प्रचार का शोर थम गया। 224 सीटों के लिए वोटिंग होगी। नतीजे 15 को आएंगे। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी चुनाव जितनी ही ताकत लगाई। मोदी ने कर्नाटक में 21 रैलियां की और दो बार नमो एेप के जरिये मुखातिब हुए। उन्होंने करीब 29 हजार किमी की दूरी तय की। हालांकि, इस दौरान मोदी एक भी धार्मिक स्थल पर नहीं गए।

बता दें कि मोदी ने 20 करोड़ आबादी और 403 सीट वाले यूपी में 24 रैलियां की थीं। कर्नाटक की आबादी 6.4 करोड़ और 224 सीटें हैं। मोदी ने सबसे अधिक 34 रैलियां गुजरात में और 31 बिहार चुनाव में की थी।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 20 रैलियां और 40 रोड शो-नुक्कड़ सभाएं की। उन्होंने मोदी से दो गुना अधिक दूरी तय की। 55 हजार किमी की यात्रा की।

राहुल ने यूपी चुनाव से पहले खाट पर चर्चा की थी। पूरे राज्य का दौरा किया था। 20 रैलियां और 8 रोड शो किए थे। यूपी में सोनिया गांधी ने प्रचार नहीं किया था, जबकि कर्नाटक में उन्हें प्रचार के लिए उतरना पड़ा।अमित शाह ने 27 रैलियां और 26 रोड शो किए, करीब 50 हजार किमी की यात्रा की।

40 केंद्रीय मंत्री, 500 सांसद-विधायक और 10 मुख्यमंत्रियों ने कर्नाटक में प्रचार किया।50 से ज्यादा रोड शो किए भाजपा नेताओं ने। 400 से ज्यादा रैलियां की।171 करोड़ की जब्ती हुई। बीते चुनाव में 13 करोड़ की हुई थी। यानी 1215% ज्यादा।2014 आम चुनाव के बाद कर्नाटक 22वां राज्य है, जहां चुनाव हो रहे हैं। यूपी में 193 करोड़ की जब्ती। दूसरे पर कर्नाटक है।

कर्नाटक को फतह करने के लिए भाजपा ने रैलियों और रोड-शो के अलावा माइक्रो लेवल पर भी काफी काम किया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने सबसे सफल पन्ना प्रमुख फॉर्मूले को कर्नाटक में भी लागू किया है। पर शाह ने इस बार इसे दो पार्ट में बांटा है।पहली बार राज्य में अर्द्ध पन्ना प्रमुखों की टीम बनाई है। ताकि पन्ना प्रमुखों का भार कुछ हलका हो।

भाजपा ने राज्य के 56,696 पोलिंग बूथों पर करीब 10 लाख अर्द्धपन्ना प्रमुख तैनात किए हैं। राज्य में कुल 4.96 करोड़ मतदाता हैं। यानी एक अर्द्ध पन्ना प्रमुख के पास 45 से 50 मतदाताओं की जिम्मेदारी है।दरअसल, शाह ने गुजरात चुनाव में कई सीटों पर कम अंतर से हार-जीत के बाद इस रणनीति को कर्नाटक में अपनाया है।

इसकी जिम्मेदारी उन्होंने राज्य के चुनाव प्रबंधक मुरलीधर को सौंपी थी। राज्य में अर्द्ध पन्ना प्रमुख बनाने का काम पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ था। पन्ना प्रमुख और अर्द्ध पन्ना प्रमुख भाजपा कार्यकर्ताओं को बनाया गया है।पन्ना प्रमुखों की रणनीति को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान इजाद किया था।

तब वे यूपी के प्रभारी और महासचिव थे। शाह के इस फॉर्मूले का ही असर था कि सहयोगी दल के साथ 80 में से 73 सीटें जीतने में सफल रही थी। उन्होंने इस फॉर्मूले को सभी राज्यों के चुनाव में अपनाया है। 2017 के यूपी चुनाव में भाजपा को 403 में से 325 सीटें मिलीं।

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