अदालत ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू के दो छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी.इन दोनों छात्रों पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में 09 फरवरी को आयोजित एक विवादित कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है.पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह ने प्रत्येक को 25 हजार के जमानती बाँड और उतनी ही राशि के मुचलके की शर्त पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जमानत पर सुनवाई के दौरान इसका विरोध करते हुए दलील दी थी कि नौ फरवरी को दोनों छात्रों ने एक ऐसी भीड़ का नेतृत्व किया था जो देश विरोधी नारे लगा रही थी. जांचकर्ताओं ने दोनों ही आरोपियों की खुद को बेगुनाह बताने की दलील को खारिज करते हुए कहा कि इनका इरादा सरकार के खिलाफ नफरत फैलाना था लिहाजा यह सीधे तौर पर देशद्रोह का मामला बनता है. अदालत ने गुरुवार को इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
नौ फरवरी की घटना की जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने भी अपनी रिपेर्ट में कहा है कि कार्यक्रम के दिन अनिर्बान और खालिद ने जेएनूय परिसर में अनाधिकार प्रवेश में कुछ बाहरी तत्वों को मदद की थी. यह कार्यक्रम संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर आयेजित किया गया था.जेएनयू के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को भी इसी घटना के सिलसिले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने से तीन मार्च को उसे छह महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया.