देश विरोधी नारेबाजी करने मामले में कन्हैया और उमर खालिद को दिल्ली सरकार ने क्लीन चिट दे दी। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कन्हैया को 6 महीने की अंतरिम जमानत दे दी है। फैसले में जस्टिस प्रतिभा रानी ने देश के खिलाफ नारे लगाने वालों पर कहा, “एक तरह का इन्फेक्शन स्टूडेंट्स में फैल रहा है। इसे बीमारी बनने से पहले रोकना होगा। जस्टिस प्रतिभा रानी ने कहा अगर एंटी-बायोटिक से इन्फेक्शन कंट्रोल हो तो दूसरे स्टेप का इलाज शुरू किया जाता है।
कई बार ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ती है। उम्मीद है कि ज्यूडिशियल कस्टडी में कन्हैया ने सोचा होगा कि आखिर ऐसी घटना हुई क्यों।ऐसी स्थित में मैं पारंपरिक तरीका अपनाते हुए इंटरिम बेल दे रही हूं।कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे जांच में दिल्ली पुलिस का सहयोग करना होगा।हाईकोर्ट से इंटरिम बेल के ऑर्डर के बाद कन्हैया गुरुवार को जेल से बाहर आ सकते हैं।दिल्ली पुलिस के वकील शैलेंद्र बब्बर ने कहा- “फाइनल जमानत नहीं दी गई है।
ये जमानत कोई नया ट्रेन्ड नहीं है। इस तरह की जमानत पहले भी दी जाती रही है। ऑर्डर मिलने के बाद ही हम डिटेल में कुछ कह पाएंगे।इस ऑर्डर से दिल्ली पुलिस को झटका नहीं लगा है। आज भी पुख्ता सबूत हैं। अगर हमारे पास सबूत नहीं होते तो उसे जमानत मिल चुकी होती।”10 हजार रुपए के बेल बॉन्ड पर यह जमानत दी गई है।बता दें कि इस मामले में आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा है।
सीताराम येचुरी ने कहा कि यदि देशद्रोह के आरोप सही होते, तो उसे अंतरिम जमानत नहीं मिलती। यह षडयंत्र है।डी राजा ने कहा कि यह पहली जीत है। कन्हैया पर लगाए सभी आरोप गलत हैं।इससे पहले ये खबर आई कि जेएनयू में नारेबाजी से जुड़े सात वीडियो जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें से दो में हेराफेरी पाई गई है। जबकि बाकी पांच ठीक हैं।
जेएनयू में 9 फरवरी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर प्रोग्राम हुआ था। इसमें देश विरोधी नारे लगे थे।मामला गरमाया तो केजरीवाल सरकार ने इसकी मजिस्ट्रियल जांच के ऑर्डर दिए थे।इस सिलसिले में जेएनयू स्डटूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
जेएनयू में 9 फरवरी को लेफ्ट स्टूडेंट्स के ग्रुप्स ने संसद पर हमले के गुनहगार अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर मकबूल बट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया था। इसे कल्चरल इवेंट बताया गया था।जेएनयू में साबरमती हॉस्टल के सामने शाम 5 बजे उसी प्रोग्राम में कुछ लोगों ने देश विरोधी नारेबाजी की। इसके बाद लेफ्ट और एबीवीपी स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई।10 फरवरी को नारेबाजी का वीडियो सामने आया। दिल्ली पुलिस ने 12 फरवरी को देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया।